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Work Load Management वो क्या होता है, 10 ओवर के 2 स्पैल डालकर बेन स्टोक्स ने इस उम्र में किया अचंभित

स्टोक्स ने काम के बोझ के प्रबंधन को लेकर नए मानक स्थापित किए

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WD Sports Desk

, मंगलवार, 15 जुलाई 2025 (16:09 IST)
लॉर्ड्स टेस्ट में जीत दांव पर लगी थी और ऐसे में अपने करियर के दौरान चोटों से जूझते रहे इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने काम के बोझ के प्रबंधन को दरकिनार करते हुए पांचवें और अंतिम दिन दो मैराथन स्पैल फेंके जिससे उन्होंने ना केवल अपने खिलाड़ियों के लिए बल्कि अंतिम दो मैच से पहले भारतीय तेज गेंदबाजों के लिए भी नए मानक स्थापित किए।

चौंतीस वर्षीय ऑलराउंडर स्टोक्स को अपने करियर के दौरान चोटों से जूझना पड़ा है और पैर की मांसपेशियों में खिंचाव के बाद जनवरी में उनकी सर्जरी हुई थी।

फिर भी चोटिल होने की आशंका के बावजूद स्टोक्स ने तीसरे टेस्ट में अपनी पूरी ताकत झोंक दी और सोमवार को 9.2 और 10 ओवर के दो लंबे स्पैल करके भारत पर दबाव बनाए रखा।

स्टोक्स को ड्रेसिंग रूम से लगातार याद दिलाया जा रहा था कि उन्हें अपने उम्रदराज होते शरीर का ध्यान रखना है लेकिन इंग्लैड के कप्तान ने इस पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया। मैच में 44 ओवर, विशेषकर पांचवें दिन का अधिक कार्यभार स्टोक्स के शरीर पर असर डाल सकता है लेकिन अपनी फिटनेस बेहतर करने के लिए शराब छोड़ने वाले इंग्लैंड के कप्तान को उम्मीद है कि आठ दिन बाद शुरू होने वाले मैनचेस्टर टेस्ट के लिए वह फिर से तरोताजा हो जाएंगे।

टेस्ट मैच जीतने के लिए स्टोक्स की प्रतिबद्धता ने भारतीय खेमे से जुड़े कुछ सवाल भी खड़े किए हैं।

स्टोक्स की तरह चोटिल होने की आशंका वाले क्रिकेटर जसप्रीत बुमराह पांच में से केवल तीन टेस्ट मैच ही खेलेंगे। दौरे से काफी पहले ही इसकी योजना बना ली गई थी और इस चैंपियन तेज गेंदबाज ने गेंदबाजी के बोझ के प्रबंधन के तहत बर्मिंघम में दूसरा टेस्ट मैच नहीं खेला था जबकि भारत लीड्स में श्रृंखला का पहला मैच हार गया था।

दूसरे टेस्ट में बुमराह की गैरमौजूदगी में भारत ने बड़ी जीत दर्ज की जबकि लॉर्ड्स टेस्ट में उन्होंने पहली पारी में पांच विकेट लेकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।लार्ड्स में दिल तोड़ने वाली हार के बाद भारत एक बार फिर पिछड़ रहा है और ऐसे में बुमराह के ओल्ड ट्रैफर्ड में श्रृंखला में आखिरी बार खेलने की उम्मीद है।

भारत के पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान ने स्टोक्स का उदाहरण देते हुए कहा कि ‘काम के बोझ के प्रबंधन’ शब्द को कई बार जरूरत से अधिक महत्व दिया जाता है।
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पठान ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘‘बेन स्टोक्स ने पांचवें दिन सुबह 9.2 ओवर का मैराथन स्पैल फेंका। वह कमाल के खिलाड़ी हैं। वह गेंदबाजी भी करते हैं, बल्लेबाजी भी करते हैं और ऋषभ पंत को रन आउट भी किया लेकिन काम के बोझ के प्रबंधन की कोई बात नहीं हो रही। लेकिन भारत के साथ ऐसा नहीं है।’’उन्होंने कहा, ‘‘बुमराह पांच ओवर फेंकते हैं और जब आपको खेल पर नियंत्रण (दूसरी पारी में) बनाने की जरूरत होती है तब जो रूट के बल्लेबाजी के लिए आने का इंतजार करते हैं। यह निराशाजनक था।’’

इस पूर्व ऑलराउंडर ने कहा, ‘‘एजबेस्टन में नहीं खेलने के कारण उनके काम के बोझ का प्रबंधन किया गया। जब आप मैच खेलते हैं तो कोई काम का बोझ नहीं होता। आपको हर कीमत पर जीतना होता है। भारतीय खेमा इसे बेहतर कर सकता था।’’पठान ने आर्चर की भी प्रशंसा की जो 2021 के बाद पहली बार टेस्ट मैच खेल रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘आर्चर चार साल बाद टेस्ट मैच खेल रहे थे लेकिन वह रुके नहीं। उन्होंने सुबह छह ओवर का स्पैल फेंका और फिर से गेंदबाजी करने के लिए लौट आए। बेन स्टोक्स ने काम के बोझ के बारे में बिल्कुल नहीं सोचा, अगर वह नौ ओवर फेंक सकते हैं तो हम तो पीछे रह गए।’’

बुमराह ने तीसरे टेस्ट की पहली पारी में 27 जबकि दूसरी पारी में 16 ओवर गेंदबाजी की।मैनचेस्टर टेस्ट के लिए भारतीय टीम के संयोजन के बारे में पूछने पर भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने कहा, ‘‘मैं कहूंगा कि मेरे पास 12 खिलाड़ी तय हैं। फिर आप स्थिति और विकेट के अनुसार 11 खिलाड़ियों को चुनेंगे।’’(भाषा)

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