नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) भारतीय क्रिकेट टीम के लिए जारी किए गए डाइट प्लान में खिलाड़ियों को केवल हलाल मीट खाने के निर्देश देने पर विवाद में घिर गया है।
सोशल मीडिया पर बीसीसीआई पर तरह-तरह के तंज कसे जा रहे हैं। मंगलवार सुबह से ही ट्विटर पर #BCCIpromotesHalal ट्रेंड हो रहा है। यहां लोगों द्वारा बीसीसीआई पर हलाल मीट प्रमोट करने का आरोप लगाया जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता गौरव गोयल ने भी इस विवाद पर प्रतिक्रिया दी है और बीसीसीआई पर निशाना साधा है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “ बीसीसीआई को हलाल प्रमोट नहीं करना चाहिए। बीसीसीआई यह याद रखे कि बीसीसीआई बोर्ड भारत में बना है, पाकिस्तान में नहीं। ”
कुछ यूजर्स ने ट्विटर पर लिखा है कि हलाल मीट सिर्फ मुस्लिमों के लिए जरूरी है। ऐसे में सभी भारतीय खिलाड़ियों के लिए इसे अनिवार्य नहीं किया जाना चाहिए। कुछ लोगाें ने कहा कि बीसीसीआई इस तरह का फैसला लेकर देश को संकट में डाल रहा है।
उल्लेखनीय है कि आगामी गुरुवार को ग्रीन पार्क मैदान पर पहले टेस्ट के लिए भारत और न्यूजीलैंड की टीमें कानपुर पहुंच चुकी हैं। दो दिन पहले भारतीय टीम के फूड मेन्यू से जुड़ी जानकारी सामने आई थी, जिसमें कहा गया था कि मेन्यू में पोर्क और बीफ मीट को बाहर रखा गया है और मांसाहारी व्यंजन में भारतीय खिलाड़ियों को केवल हलाल मीट ही परोसा जाएगा। इसके बाद से ही इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया था और अब इसने विवाद का रूप ले लिया है।
बीफ और पोर्क पर बैन की भी खबर
एक प्रमुख स्पोर्ट्स वेबसाइट के हवाले से यह खबर आयी है कि टीम इंडिया के मांसाहारी खिलाड़ियों को सिर्फ हलाल मीट ही दिया जाएगा। इसके अलावा खिलाड़ियों को बीफ और पोर्क खाने की मनाही होगी।
सूत्रों के हवाले से यह खबर सामने आई है कि यह बदलाव टीम इंडिया के लिए कड़े डाइट प्लान का हिस्सा है। मांसाहार के शौकीन खिलाड़ियों पर थोड़ी लगाम लगाने के लिए पोर्क और बीफ से दूर किया जा रहा है।
गौरतलब है कि पोर्क सुअर का मांस होता है और बीफ गाय और भैंस का मांस होता है। टीम इंडिया में कई खिलाड़ी ऐसे हैं जो रोज मांस का सेवन करते हैं। ऐसे में यह डाइट प्लान उनके खाने की आदतों पर नियंत्रण भी करेगा। अन्यथा वह रोज अपने मन मुताबिक मांस का सेवन कर अपनी फिटनेस को ताक पर रख सकते हैं।
गौरतलब है कि हलाल इस्लामिक पद्धति से अपनाया हुआ मीट होता है। वहीं झटका गैर इस्लामिक तरीके से बनाया हुआ मांस होता है।वैसे बोर्ड द्वारा इस खबर की आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है।