नई दिल्ली। चेन्नई सुपर किंग्स के निलंबित डॉक्टर मधु थोटापिल्लिल ने गुरुवार को अपनी विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट पर बिना शर्त माफी मांगी जिसमें उन्होंने पूर्वी लद्दाख में चीन के सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सैनिको की मौत के बाद सरकार का मजाक उड़ाया था।
मंगलवार को गलवान घाटी में झड़प के बाद भारतीय सैनिकों की मौत की खबरें आने के बाद थोटापिल्लिल ने ट्वीट करके सरकार का मजाक उड़ाया था। उन्होंने बाद में इस ट्वीट को डिलीट कर दिया। फ्रेंचाइजी ने बाद में उन्हें निलंबित कर दिया।थोटापिल्लिल ने गुरुवार को ट्विटर पर ही माफी की पेशकश की।
डॉक्टर ने माफी मांगते हुए लिखा, ‘16 जून को मैंने एक ट्वीट किया और बाद मैं मैंने महसूस किया कि मैंने जिन शब्दों को इस्तेमाल किया वे अनुचित हैं और अनजाने में लिखे गए। मैंने इसे डिलीट कर दिया। लेकिन तब तक मेरे ट्वीट के स्क्रीनशॉट जगह-जगह भेजे जा चुके थे और सोशल मीडिया पर साझा किए गए थे।’ थोटापिल्लिल ने स्पष्ट किया कि उनक इरादा इस संकट से लड़ने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों को कमतर करने का नहीं था।
उन्होंने लिखा, ‘मेरा इरादा सेना और हमारे साहसी शहीदों और इस महान देश के सभी नागरिकों का ध्यान रखने में माननीय प्रधानमंत्री मोदी और सरकार के प्रयासों को कमतर करने का नहीं था।’ थोटापिल्लिल ने कहा कि वह समझ सकते हैं कि उनकी पोस्ट ने हजारों लोगों की भावनाओं को चोट पहुंचाई है।
उन्होंने लिखा, ‘मुझे खेद है कि मेरे ट्वीट को पढ़ने वाले लोगों को मैंने पीड़ा पहुंचाई और नाराज किया और इसके लिए तहेदिल से माफी मांगता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने अनजाने में और गलती से ट्वीट किया और इसका मेरे किसी व्यक्ति या संगठन से जुड़ाव को कोई लेना देना नहीं है’ थोटापिल्लिल ने लोगों से अपील की कि वे उनके सोशल मीडिया पोस्ट को भूलवश किया समझें। थोटापिल्लिल 10 सत्र तक सीएसके के टीम डॉक्टर रहे।
सीएसके के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी हैं जो प्रादेशिक सेना में मानद लेफ्टिनेंट रैंक पर है। सीएसके ने अपने आधिकारिक ट्विटर पेज पर बुधवार को थोटापिल्लिल के निलंबन की घोषणा की। बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन की इंडिया सीमेंट्स टीम की मालिक है।
सोमवार रात हुई इस झड़प में कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हुए। नाथुला में 1967 में टकराव के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच यह सबसे बड़ी झड़प है। उस समय भारत के लगभग 80 सैनिक शहीद हुए थे जबकि चीन की सेना के तीन सौ से अधिक सैनिक मारे गए थे। (भाषा)