Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

इंग्लैंड में लीग क्रिकेट खेलते हुए नस्लवादी टिप्पणियों का सामना किया: आकाश चोपड़ा

हमें फॉलो करें इंग्लैंड में लीग क्रिकेट खेलते हुए नस्लवादी टिप्पणियों का सामना किया: आकाश चोपड़ा
, बुधवार, 10 जून 2020 (21:06 IST)
नई दिल्ली। भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने आरोप लगाया है कि इंग्लैंड के लीग क्रिकेट के दौरान उन्हें नस्लवादी टिप्पणियों का सामना करना पड़ा था। पूर्व भारतीय बल्लेबाज 2007 में मेरिलबोन क्रिकेट क्लब के लिए खेले थे, उन्होंने कहा कि उन्हें ‘पाकी’ बुलाया जाता था जो एक नस्लवादी शब्द हैं जिसे अंग्रेजी बोलने वाले देश दक्षिण एशियाई मूल के लोगों के लिए इस्तेमाल करते हैं। 
 
चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल से कहा, ‘हम (क्रिकेटर) कभी ना कभी, नस्लवाद का शिकार हुए हैं। मुझे याद है जब मैं इंग्लैंड में लीग क्रिकेट खेलता था तो एक प्रतिद्वंद्वी टीम में दो दक्षिण अफ्रीकी थे और दोनों अभद्र टिप्पणियां करते थे।’ 
 
उन्होंने कहा, ‘और यहां तक कि जब मैं बल्लेबाजी के दौरान दूसरे छोर पर होता था तो वे मेरे पीछे पड़े रहते थे। वे मुझे लगातार पाकी बुलाते थे। कईयों को लगता है कि पाकिस्तान का छोटा स्वरूप पाकी है लेकिन यह सच नहीं है। अगर आपका रंग ‘ब्राउन’ है। अगर आप एशियाई उपमहाद्वीप में कहीं से भी हो तो इस शब्द को नस्लीय टिप्पणी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।’ 
 
चोपड़ा ने कहा कि उनकी टीम ने उनका पूरा साथ दिया लेकिन इन दोनों खिलाड़ियों ने नस्लवादी टिप्पणी करना नहीं छोड़ा। इस 42 साल के खिलाड़ी ने भारत के लिए 10 टेस्ट मैच खेले। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में इस समस्या की जड़े काफी गहरी हैं। चोपड़ा ने कहा, ‘अगर आपकी त्वचा का रंग सफेद है तो भी ऐसा होता है। जब वे दुनिया के इस हिस्से में आते हैं तो उनसे भी इसी तरह का व्यवहार किया जाता है।’ 
 
उन्होंने उस घटना को याद किया जब ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर एंड्रयू साइमंड्स को भारत में क्षेत्ररक्षण करते समय ‘बंदर’ बुलाया गया था। चोपड़ा ने कहा, ‘जब एंड्रयू साइमंड्स भारत आए थे तो वानखेड़े स्टेडियम में कईयों ने उन्हें ‘बंदर’ बुलाना शुरू कर दिया था।’ 
 
वेस्टइंडीज के पूर्व विश्व कप विजेता कप्तान डेरेन सैमी और स्टार बल्लेबाज क्रिस गेल ने अमेरिका में पुलिस के हाथों अफ्रीकी-अमेरिकी जार्ज फ्लॉयड की मौत के बाद नस्लवादी टिप्पणियों का सामना करने की बात कही थी। फ्लॉयड की मौत के बाद कई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों ने नस्लवाद का सामना करने के अपने अनुभवों का खुलासा किया है। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कोरोना महामारी के चलते नए तौर तरीकों के अनुसार ढल रही है भारतीय हॉकी टीमें