ICC अंपायर के प्रयास से UP के गांव में लौटी रौनक

Webdunia
मंगलवार, 14 जुलाई 2020 (17:27 IST)
नई दिल्ली। कोरोनावायरस के कारण क्रिकेट गतिविधियां ठप्प होने से चौके, छक्के, आउट के ‘सिग्नल’ नहीं दे पाने वाले आईसीसी पैनल के अंपायर अनिल चौधरी इस दौरान उत्तर प्रदेश के अपने गांव में ‘मोबाइल के सिग्नल’ लाने में जुटे रहे और आखिर में उनके प्रयास रंग लाए और अब गांववासियों को ‘पेड़ पर चढ़कर बात नहीं करनी पड़ती है।’ 
 
चौधरी लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश के शामली जिला स्थित अपने गांव डांगरोल में फंस गए थे जहां मोबाइल नेटवर्क न होने से वह किसी से भी संपर्क नहीं कर पा रहे थे। यहां तक कि वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की कार्यशालाओं में भी भाग नहीं ले पाए थे। इसके बाद चौधरी ने गांव में नेटवर्क सुधारने का बीड़ा उठाया और अब जाकर उन्हें इसमें सफलता मिली है। 
 
चौधरी ने कहा, ‘मैंने आईसीसी की कुछ कार्यशालाओं में भाग लिया लेकिन जब मैं गांव में था तब ऐसा नहीं कर पाया था। मुझे इसके लिए दिल्ली जाना पड़ता था। ऐसे में मेरा एक पांव दिल्ली में तो दूसरा गांव में होता था।’ अब तक 20 वनडे और 28 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग कर चुके चौधरी की परेशानी पर ‘भाषा’ से रिपोर्ट की थी जिसके बाद एक मोबाइल प्रदाता कंपनी ने उनसे संपर्क किया और पिछले कई वर्षों से नेटवर्क के लिए सरकारी कार्यालयों की खाक छानने वाले ग्रामीणों ने अब जाकर राहत की सांस ली। 
 
चौधरी ने कहा, ‘मैं अब भी गांव में हूं लेकिन अब मुझे अपने पेशे से जुड़े किसी काम के लिए दिल्ली भागने की जरूरत नहीं है। मैं गांव से ही तमाम कार्यशालाओं में भाग ले सकता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘वर्तमान परिदृश्य में यह ग्रामीणों और विशेषकर विद्यार्थियों को नेटवर्क की सख्त जरूरत थी और जब कई गांववाले मेरा आभार व्यक्त करने आए तो तब मुझे लगा कि गांववासियों के लिए वास्तव में यह बड़ी उपलब्धि है। अब उन्हें फोन करने के लिए पेड़ नहीं चढ़ना पड़ता है।’ 
 
चौधरी को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच एकदिवसीय मैचों में अंपायरिंग करनी थी लेकिन सीरीज बीच में ही रोक दिए जाने के कारण वह 16 मार्च को अपने गांव डांगरोल आ गए थे। इसके बाद उनकी परेशानियां शुरू हो गई लेकिन उन्होंने यहीं से राष्ट्रीय राजधानी से लगभग 80 किलोमीटर दूर स्थित इस क्षेत्र को इस परेशानी से निजात दिलाने का संकल्प लिया था। 
 
जालंधर में एक निजी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत डॉ. सुभाष ने कहा कि अगर चौधरी इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाते तो यह समस्या ज्यों की त्यों बनी रहती। उन्होंने कहा, ‘अंपायर साहब की मेहनत रंग लाई। अब मैं गांव से ही ऑनलाइन कक्षाएं ले पा रहा हूं।’ (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

गौतम गंभीर ने अश्विन से कहा अगर Fair Play Award चाहिए तो कृपया मुझसे दूर रहें

MS Dhoni के मॉनस्टरस छक्के की मदद से जीती RCB, थाला ही बने बेंगलुरु की जीत की वजह

RCB vs CSK : जीत के बाद विराट कोहली की '1 पर्सेंट चांस' की थ्योरी हुई वायरल

धोनी को पिता मानने वाले पथिराना की चमकी किस्मत, LPL में करोड़ों में बिके

BCCI महेंद्र सिंह धोनी और स्टीफन फ्लेमिंग के बीच में क्या खिचड़ी पक रही है??

महेंद्र सिंह धोनी अगले साल भी चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलेंगे, आया बड़ा अपडेट

17 साल में 6 फ्रैंचाइजियों की ओर से खेले दिनेश कार्तिक, माही ने करवाया बहुत इंतजार

RCB vs RR : Glenn Maxwell ने शर्मनाक रिकॉर्ड बनाकर अपने साथी दिनेश कार्तिक की बराबरी की

T20I World Cup से पहले युवराज ने चुनी Playing XI, इस विकेटकीपर को दिया मौका

टेस्ट क्रिकेट पर ध्यान रखने के लिए ट्रेविस हेड साल में 2 से ज्यादा T20 टूर्नामेंट नहीं खेलेंगे

अगला लेख