नागपुर। लय हासिल कर चुकी ऑस्ट्रेलिया को हराना अब आसान नहीं होगा लेकिन आत्मविश्वास से ओतप्रोत भारतीय टीम रविवार को 5वां और आखिरी वनडे जीतकर श्रृंखला 4-1 से जीतने के इरादे से उतरेगी। भारत श्रृंखला पहले ही जीत चुका है और चौथे वनडे में उसे बेंच स्ट्रेंथ को आजमाने का मौका मिला लेकिन टीम 21 रन से हार गई। इससे उसका 9 मैचों की जीत का सिलसिला टूट गया।
भारत के तीनों गेंदबाज मोहम्मद शमी, उमेश यादव और अक्षर पटेल पहली बार काफी महंगे साबित हुए लेकिन भारत का हार के लिए अकेले वे ही कसूरवार नहीं थे। विराट कोहली ने अपने गेंदबाजों का बचाव किया लेकिन कहा कि बल्लेबाज बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे।
कोहली अगर रविवार के मैच में रिजर्व गेंदबाजों को मौका देते हैं तो कोई अचरज की बात नहीं होगी। ऐसे में जसप्रीत बुमरा, भुवनेश्वर कुमार और कुलदीप यादव को और आराम दिया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि हमने श्रृंखला जीत ली है और हर खिलाड़ी को मौका तो देना ही है। हमें बेंच स्ट्रेंथ को भी आजमाना होगा। बल्लेबाजी में केएल राहुल को मौका दिया जा सकता है, क्योंकि वे इकलौते बल्लेबाज हैं जिन्हें अभी तक इस श्रृंखला में एक भी मैच खेलने का अवसर नहीं मिला।
टीम प्रबंधन को इस मैच के लिए अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा, क्योंकि दोनों टीमें अक्टूबर में रांची से शुरू हो रही टी-20 श्रृंखला में जीत के साथ उतरना चाहेंगी। भारतीय सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा और अजिंक्य रहाणे ने बेंगलुरु में अच्छी शुरुआत की और लगातार दूसरी शतकीय साझेदारी निभाई लेकिन मध्यक्रम उसका फायदा नहीं उठा सका।
हार्दिक पांड्या इंदौर में बल्लेबाजी क्रम में चौथे नंबर पर उतरे और लाजवाब पारी खेली लेकिन उसे पिछले मैच में दोहरा नहीं सके। पांड्या को ऊपर उतारने से एमएस धोनी 6ठे नंबर पर उतरे और पूर्व कप्तान को पूरा समय नहीं मिल सका।
धोनी से पहले आए पांड्या और केदार जाधव के पास काफी समय था लेकिन वे मैच को फिनिशिंग तक नहीं ले जा सके। मनीष पांडे इस श्रृंखला में अभी तक अर्द्धशतक नहीं बना सके हैं और पिछले मैच में भी गलत समय पर आउट हो गए। आखिर में सारी जिम्मेदारी धोनी पर आन पड़ी थी।
ऑस्ट्रेलिया को शुरुआत में भी मौके मिले लेकिन वे बेंगलुरु में ही कामयाब रहे। उसके बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों ने उम्दा प्रदर्शन किया। तेज गेंदबाज पैट कमिंस, नाथन कूल्टर नाइल और केन रिचर्ड्सन ने डैथ ओवरों में बेहतरीन गेंदबाजी करके मैच भारत से छीन लिया। आरोन फिंच के आने से बल्लेबाजी और मजबूत हुई है जिन्होंने 124 और फिर 94 रनों की पारियां खेलीं। सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर ने भी 100वें वनडे में 124 रन बनाए।
यह देखना होगा कि ऑस्ट्रेलिया खराब फॉर्म से जूझ रहे ग्लेन मैक्सवेल को वापसी का मौका देता है या नहीं? विकेटकीपर मैथ्यू वेड ने पिछले मैच में उनकी जगह ली थी। दूसरे विकेटकीपर पीटर हैंडस्कांब ने 30 गेंदों में 43 रन बनाकर टीम को 300 रन के पार पहुंचाया। (भाषा)