आज का दिन भारतीय क्रिकेट इतिहास के नजरिए से बहुत खास है। दरअसल, आज ही दिन ठीक 9 साल पहले भारतीय टीम ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में इतिहास रचते हुए इंग्लैंड को हराकर आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था। कहने को तो ये मुकाबला 50-50 ओवर का होना था, लेकिन बारिश और खराब मौसम के चलते इस ऐतिहासिक मुकाबले को टी-20 फॉर्मेट में तब्दील कर दिया गया था।
पूरे टूर्नामेंट में अजेय रहने वाली टीम इंडिया के सामने फाइनल में परिस्तिथियां बिल्कुल अलग थी, लेकिन वह फाइनल भी क्या फाइनल जिसमें भरपूर रोमांच, एक्शन न हो...
मैच की शुरुआत इंग्लैंड के टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने के साथ हुई और टीम इंडिया ने 20 ओवर के खेल में 129-7 का स्कोर बनाया। टीम के लिए विराट कोहली (43), रवींद्र जडेजा (33) और पूरे टूर्नामेंट में बल्ले से धूम मचाने वाले शिखर धवन (31) रन बनाए थे। इंग्लैंड के लिए रवि बोपारा के खाते में तीन विकेट आई थी। इंग्लैंड के सामने अपने घरेलू दर्शकों के बीच पहली बार आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के लिए 130 रन बनाने थे।
लक्ष्य का पीछा करते हुए एलिस्टर कुक एंड कंपनी की शुरुआत बेहद खराब देखने को मिली और एक समय टीम का स्कोर 46/4 था... इंग्लैंड के सिर पर हार मंडरा रही थी और टीम इंडिया का जोश देखते ही बन रहा था। लेकिन क्लाइमेक्स अभी बाकि था... पांचवें विकेट के लिए इयोन मॉर्गन और रवि बोपारा ने 54 रनों की साझेदारी कर मैच को और भी रोमांचक बना दिया।
इंग्लैंड की पारी के 15वें ओवर में इशांत शर्मा ने 11 रन खर्च कर मैच भारत के हाथों से निकलने के संकेत दिए थे। हालांकि, फाइनल में भारत की वापसी भी इशांत ने ही कराई। उन्होंने 18वें ओवर में पहले मॉर्गन और अगली ही गेंद पर बोपारा को आउट कर मैच की तस्वीर को ही बदलकर रख दिया।
वैसे जानकारी के लिए बता दें कि, जब 18वें ओवर में धोनी ने इशांत को गेंद थमाई थी तब पूरी दुनिया हैरान रह गई थी, कि जिस गेंदबाज के खिलाफ बोपारा और मॉर्गन आसानी से रन बना रहे थे उसको धोनी ने ऐसे निर्याणक मोड़ पर ओवर कैसे दे दिया। मगर किसी ने सही ही कहा है... धोनी को समझना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।
अंतिम ओवर में मेजबान को 15 रनों की दरकार थी और गेंदबाजी आक्रमण गेंदबाजी करने आए थे रवि अश्विन... अश्विन ने शानदार गेंदबाजी करते हुए इंग्लैंड को 124/8 पर ही रोक दिया और भारतीय टीम पांच रन से चैंपियंस ट्रॉफी जीतने में सफल हुई।
इस ट्रॉफी को जीतने के साथ महेंद्र सिंह धोनी विश्व के पहले ऐसे कप्तान भी बन गए जिन्होंने आईसीसी के तीनों खिताब (T-20 वर्ल्ड, वनडे वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी) जीते हो।इस सुनहरी जीत को याद कर बीसीसीआई ने अपने फैंस को ट्वीट कर जानकारी दी।
9 साल से जारी है इंतजार, पिछले साल आज ही न्यूजीलैंड ने दी थी टेस्ट चैंपियनशिप की हार
इस टूर्नामेंट की जीत के बाद ऐसा लगा कि भारत अब लगातार आईसीसी टूर्नामेंट पर अपना अधिकार जमाए रखेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ और टीम इंडिया लगातार अगले साल से ही बड़े आईसीसी टूर्नामेंट में फिसलती हुई नजर आई।
आईसीसी टी-20 विश्वकप 2014 के फाइनल में भारत को श्रीलंका से हार मिली, अगले साल 2015 में वनडे विश्वकप सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने टीम को बाहर किया। इसके बाद 2016 में टीम को आईसीसी टी-20 विश्वकप 2016 के सेमीफाइनल में अपने ही घरेलू मैदान पर वेस्टइंडीज से हार का सामना करना पड़ा।
वहीं सबसे चुभने वाली हार साल 2017 में आई जब भारत को 2017 आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान के हाथों करारी हार मिली। इसके बाद साल 2019 में न्यूजीलैंड ने भारत को वनडे विश्वकप सेमीफाइनल में हराया।
इस ही टीम ने साल 2021 में टीम इंडिया को इस ही दिन विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में खिताबी हार चखाई और कुछ महीने बाद टी-20 विश्वकप में हराकर भारत का अभियान समाप्त कर दिया।