दुबई: इंग्लैंड विश्व टेस्ट चैंपियनशिप पहले से ही बहुत पीछे है। यहां तक कि न्यूज़ीलैंड का 3-0 से सूपड़ा साफ़ करने के बावजूद फ़ाइनल में पहुंचने की उनकी संभावना कम है। अगर वह भारत को आख़िरी टेस्ट में हरा देते हैं, घर में दक्षिण अफ़्रीका का सूपड़ा साफ़ करते हैं और पाकिस्तान को भी हरा देते हैं, तो भी उनका अंक प्रतिशत 50 से थोड़ा आगे ही होगा।
मौजूदा चैंपियन न्यूज़ीलैंड पहले ही दावेदार की रेस से बाहर हो गया है। अब वह सर्वाधिक अंक प्रतिशत 50 ही अर्जित कर सकते हैं।
एक मात्र अग्नि परीक्षा - हार पर होगी राह मुश्किल
भारत को सात टेस्ट खेलने हैं- एक टेस्ट इंग्लैंड में, चार ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ अपने घर में और दो बांग्लादेश के ख़िलाफ़ उनके घर में। भारत अधिकतम अंक प्रतिशत 74.53 अर्जित कर सकता है, जो ऑस्ट्रेलिया को पछाड़ने के लिए काफ़ी होना चाहिए। भारत से हार के बाद ऑस्ट्रेलिया का भी अंक प्रतिशत गिरेगा। भारत अगर एक टेस्ट हारता है तो उनका अंक प्रतिशत 68.98 और दो टेस्ट हारने पर 63.42% हो जाएगा। तो एजबेस्टन टेस्ट भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण होने जा रहा है।
ऑस्ट्रेलिया के पास अभी भी 11 टेस्ट खेलने को बचे हैं- दो श्रीलंका में, चार भारत में, दो वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ घर में और तीन दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़। यदि वह घर में खेले जाने वाले पांच में से चार टेस्ट जीत लेते हैं तो उन्हें 65 का बेहतर अंक प्रतिशत बनाने के लिए एशिया में दो टेस्ट जीतने होंगे।
दक्षिण अफ़्रीका को इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया सहित घर में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ दो टेस्ट खेलने हैं। ऐसे में उन्हें 65 के अंक प्रतिशत से आगे निकलने के लिए विदेशी सरजमीं पर कम से कम एक सीरीज़ जीतनी ही होगी।
पाकिस्तान के पास अच्छा मौक़ा है क्योंकि उनके बचे सात में से पांच टेस्ट घर में होने हैं- तीन इंग्लैंड के ख़िलाफ़, दो न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ और दो विदेशी टेस्ट श्रीलंका में होने हैं। अगर वह सात में से पांच टेस्ट जीत लेते हैं तो वे अंक प्रतिशत में 65 से अधिक पर समाप्त करेंगे।
श्रीलंका के लिए चीज़ें मुश्किल हैं। उन्हें ऑस्ट्रेलिया व पाकिस्तान की मेज़बानी करनी है और न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ उनके घर में खेलना है। उन्हें 65 अंक प्रतिशत के क़रीब पहुंचने के लिए चार जीत और एक ड्रॉ खेलना होगा।(वार्ता)