भारत के बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक (Shitanshu Kotak) ने इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा सीरीज में टीम में विशेषज्ञ गेंदबाज की जगह हरफनमौला खिलाड़ियों को तरजीह देने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि मैच जीतने के लिए 20 विकेट लेना जितना जरूरी है उतना ही जरूरी बड़ा स्कोर खड़ा करना भी है। भारत के प्रमुख स्पिनर कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) सीरीज के दौरान बेंच पर बैठे रहे, क्योंकि टीम ने विकेट लेने वाले गेंदबाज के बजाय हरफनमौला को प्राथमिकता दी।
इस सीरीज के मैचों में शार्दुल ठाकुर (Shardul Thakur) और नीतीश कुमार रेड्डी (Nitish Kumar Reddy) भारत के आठवें क्रम के बल्लेबाज रहे हैं। शार्दुल ने ओल्ड ट्रैफर्ड में 11 ओवर फेंके और पहली पारी में 41 रनों की अहम पारी खेली।
कोटक के जवाब से लगा कि टीम गुरुवार से शुरू हो रहे पांचवें टेस्ट मैच में भी इसी संयोजन के साथ मैदान पर उतरेगी।
उन्होंने कहा, देखिए, मैच जीतने के लिए आपको बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों का संतुलन चाहिए होता है। जैसे 20 विकेट लेना जरूरी है उसी तरह 550-600 रन बनाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, हमने एजबेस्टन में इसलिए जीत हासिल की क्योंकि हमने उतने रन बनाए थे। ऐसे में दोनों में संतुलन रखना जरूरी है। अगर कप्तान और कोच और टीम प्रबंधन को लगता है कि एक गेंदबाज को बढ़ाना फायदेमंद होगा, तो वे ऐसा करेंगे।
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— Star Sports (@StarSportsIndia) July 29, 2025
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बल्लेबाजी कोच ने कहा कि रविंद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) और वॉशिंगटन सुंदर (Washington Sundar) के रूप में दो स्पिन ऑलराउंडर होने के कारण शार्दुल जैसे छठे गेंदबाजी विकल्प को कम ओवर मिलने की संभावना है।
उन्होंने कहा, जब आप पांच गेंदबाजों के साथ खेलते हैं, तो सभी गेंदबाज लगभग बराबर ओवर डालते हैं। लेकिन जब छह गेंदबाजों के साथ खेलते हैं, तो कुछ गेंदबाजों को कम ओवर मिलेंगे। ऐसे में आपके पास अगर छठा गेंदबाज हरफनमौला है तो आप जानते हैं कि वह बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में योगदान देगा। (भाषा)