माइक नहीं मैदान पकड़ा द्रविड़ ने, जाफर और भोगले ने की तारीफ

Webdunia
सोमवार, 18 जनवरी 2021 (21:17 IST)
संन्यास लेने के बाद किसी भी क्रिकेटर का पहला प्लान होता है कमेंट्री बॉक्स में खिलाड़ियों की नुक्ता चीनी करना। दूसरों की आलोचना और तारीफ करना आसान भी है इसलिए संन्यास के बाद यह काम करना ज्यादातर क्रिकेटर पसंद करते हैं।
 
एक बिरले राहुल द्रविड़ ही है जिन्होंने टीम इंडिया की सेवा एक खिलाड़ी के तौर पर भी की और बाद में एक कोच के तौर पर। उनकी कोचिंग के दौरान ही टीम इंडिया ने अंडर 19 का विश्वकप साल 2018 में जीता। साल 2016 में टीम रनर अप रही थी। 
 
आज स्थायी खिलाड़ियों के ना होने के बावजूद टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया में जो किला लड़ा रही है उसके पीछे राहुल द्रविड़ की तपस्या भी है। हर्षा भोगले ने अपने एक ट्वीट में इसका जिक्र भी किया है। 
 
मशहूर क्रिकेट कमेंटेटर हर्षा भोगले ने कहा कि ऐसे हालातों में भी अगर टीम इंडिया एक औसत से अच्छी टीम ऑस्ट्रेलिया में खिला रही है तो यह पिछले 3-4 सालों के ए दौरों के कारण हो पा रहा है। इस कदम से प्रथम श्रेणी और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के स्तर का अंतर कम हुआ है। इसके अलावा राहुल द्रविड़ ने जो सिखाया है उसका योगदान कोई कैसे भूल सकता है।
 
इस ट्वीट को रीट्वीट करके पूर्व सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर ने कहा कि राहुल द्रविड़ कमेंट्री बॉक्स से खेल का विश्लेषण कर सकते थे लेकिन उन्होंने प्रतिभावान खिलाड़ियों का विश्लेषण किया और उनको भारतीय क्रिकेट को लगातार मैच में उतरने वाले खिलाड़ी प्रदान किए। राहुल के अलावा रवि शास्त्री, विराट और बी अरूण भी धन्यवाद के पात्र हैं। (वेबदुनिया डेस्क)

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