हेडिंग्ले के लीड्स में चल रहा तीसरा टेस्ट अब लगातार इंग्लैंड के पक्ष में जा रहा है। लेकिन विराट कोहली इस एकतरफा मैच में जान डाल सकते थे अगर जीती हुई टीम से छेड़छाड़ ना करने के पारंपरिक ख्याल को अपने मन से निकाल देते।
ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को अंतिम एकादश में जगह नहीं देने पर हो रही बहस के बीच कोहली ने मैच से पहले साफ कर दिया था कि मैच के लिए विजयी एकादश में कोई बदलाव करने पर विचार नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि भारत पिच की स्थिति को देखते हुए अश्विन को खिलाने की कोशिश कर सकता है, लेकिन अंतिम निर्णय पर उन्होंने लॉर्ड्स की टीम को ही लीड्स पर खिलाया।
बल्लेबाजी होती मजबूत
इसका खामियाजा भारत को भुगतना पड़ा। अगर आर अश्विन इशांत शर्मा की जगह खेलते तो भारत को काफी फायदा होता। पहला तो बल्लेबाजी में गहराई मिल जाती। तो शायद 78 का स्कोर कम से कम 100 रनों पार हो सकता था। आर अश्विन ने इस साल इंग्लैंड के खिलाफ ही शतक जमाया था।
वहीं हेडिंग्ले की पिच पर दिन जैसे जैसे आगे बढ़ा स्पिन को मदद मिलती रही। कल रविंद्र जड़ेजा ने हसीब हमीद को एक बेहतरीन गेंद पर आउट किया। जड़ेजा इस सीरीज में विकेट लेने वाले पहले भारतीय स्पिनर बने। इसके अलावा कई मौकों पर जड़ेजा विकेट लेने के बहुत करीब भी दिखे।
अगर जड़ेजा को पिच से इतनी मदद मिल सकती है जो कि एक पार्ट टाइम स्पिनर या फिर ऑलराउंडर के रूप में जाने जाते हैं तो फिर आर अश्विन को तो लीड़्स में काफी सफलता मिलने के आसार थे।
बात पहले बल्लेबाजी की हो या फिर दूसरी बल्लेबाजी की अश्विन का होना टीम के लिए फायदे का ही सौदा होता क्योंकि लीड्स पर अब लगातार धूप दिखाई दे रही है। इसके चलते पिच की दरारें चौड़ी होंगी जो अंतत स्पिनर को ही मदद करेंगी।
यही नहीं इशांत शर्मा को टीम में बनाए रखने का निर्णय अब तक एक दम गलत साबित हुआ। इशांत शर्मा ने बल्ले से भले ही कुछ (8)रन बना दिए हों लेकिन जिस काम के लिए उनको टीम में रखा है वह काम इशांत नहीं कर पाए।
लीड्स में अब तक इशांत शर्मा 22 ओवर डाल चुके हैं और 4.18 की रन रेट से 92 रन दे चुके हैं। यही नहीं वह अब तक एक भी विकेट नहीं ले पाए और शायद तीसरे दिन उन्हें कोहली गेंद ना थमाएं।
साफ तौर पर कोहली की परंपरागत सोच ने अश्विन को टीम से बाहर रखा जिससे तीसरे टेस्ट में टीम इंडिया का नुकसान हुआ। (वेबदुनिया डेस्क)