इंग्लैंड की विश्व कप विजेता टीम के कप्तान रहे इयोन मोर्गन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को हाल में अलविदा कहने के बाद लीजेंड्स लीग क्रिकेट (एलएलसी) के दूसरे सत्र में खेलते हुए नजर आएंगे।
भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग, पठान बंधू यूसुफ और इरफान, आस्ट्रेलिया के ब्रेट ली और श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन भी इस लीग में खेलते हुए दिखेंगे। सितंबर में होने वाली इस लीग में चार टीम और 110 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी शिरकत करेंगे।
विश्व कप 2019 में इंग्लैंड की खिताबी जीत के दौरान टीम के कप्तान रहे मोर्गन ने विज्ञप्ति में कहा, मैं शानदार महसूस कर रहा हूं और लीजेंड्स का हिस्सा बनने को लेकर बेहद रोमांचित हूं। मैं दूसरे सत्र में खेलने को लेकर उत्साहित हूं।
टूर्नामेंट के पहले सत्र में भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटरों को भारत, एशिया और शेष विश्व की तीन टीम के बीच बांटा गया था।
दिलचस्प बात यह है कि आज ही के दिन यानि 14 जुलाई को इंग्लैंड ने अपना पहला विश्वकप रोमांच की हदें पार कर देने वाले मुकाबले में जीता था। न्यूजीलैंड को आज एक बार फिर निराशा हाथ लगी थी।
उस रोमांचक और सुनहरी याद को ताजा करने के लिए इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने एक वीडियो भी अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किया है।
102 ओवर बाद बाउंड्री काउंट से जीती इंग्लैंड
न्यूजीलैंड ने 50 ओवर में आठ विकेट पर 241 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाया जबकि इंग्लैंड की टीम 50 ओवर में आखिरी गेंद पर 241 के स्कोर पर आउट हो गई थी। विश्वकप के इतिहास में खिताब के लिए पहली बार सुपर ओवर का सहारा लिया गया था जिसमें मेजबान टीम के जीतते ही इंग्लैंड जश्न के सागर में डूब गया था।
इंग्लैंड ने सुपर ओवर में ट्रेंट बोल्ट की गेंदों पर 15 रन बटोरे थे। इंग्लैंड की पारी में अर्धशतक बनाने वाले जोस बटलर और बेन स्टोक्स ने सुपर ओवर खेला जिसमें बटलर ने दो चौके लगाए थे। न्यूजीलैंड ने भी सुपर ओवर में 15 रन बनाए और सुपर ओवर टाई रहा था लेकिन निर्धारित पारी में ज्यादा चौके लगाने के कारण इंग्लैंड विजेता बन गया था। इंग्लैंड ने अपनी पारी में 22 चौके लगाए थे जबकि न्यूजीलैंड ने अपनी पारी में 14 चौके लगाए थे।
न्यूजीलैंड के लिए सुपर ओवर खेलने मार्टिन गुप्तिल और जेम्स नीशम उतरे थे। गेंद इंग्लैंड के प्रमुख गेंदबाज जोफ्रा आर्चर के हाथों में थी। पहली गेंद वाइड रही और अब छह गेंदों में 15 रन का आंकड़ा हो गया था । अगली गेंद पर कीवी बल्लेबाजों ने दो रन चुरा लिए थे।
नीशम ने फिर जबरदस्त छक्का मार दिया। अब चार गेंदों पर सात रन की जरुरत थी। अगली गेंद पर दो रन गए थे। कीवी बल्लेबाजों ने फिर दो रन चुरा लिए थे। पांचवीं गेंद पर एक रन गया था और आखिरी गेंद पर न्यूजीलैंड को दो रन चाहिए थे। लेकिन बटलर ने गुप्तिल को रनआउट कर दिया और इंग्लैंड के तमाम खिलाड़ी और उनके प्रशंसक जश्न मनाने लगे थे।
इंग्लैंड 1979, 1987 और 1992 का फाइनल हारा था लेकिन 27 साल बाद उसने अपनी मेजबानी में पहली बार विश्व चैंपियन बनने का सपना पूरा कर लिया था। न्यूजीलैंड को दिल तोड़ने वाली इस हार के बाद लगातार दूसरी बार उपविजेता रहकर संतोष करना पड़ा था। उसका पहली बार खिताब जीतने का सपना सुपर ओवर में टूट गया था।