कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों का हिस्सा बनेंगे महेंद्र सिंह धोनी?

सुरेश डुग्गर
जम्मू। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी क्या कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों का हिस्सा भी बनेगें? यह सवाल इसलिए पैदा हुआ है क्योंकि धोनी ने अगले 15 दिन अब सेना में अपनी सेवाएं देने की घोषणा की है और वह 31 जुलाई को 106 टेरिटोरियल आर्मी बटालियन (पैरा) जॉइन करेंगे। धोनी ने पहले ही साफ कर दिया था कि वह वेस्टइंडीज दौरे पर टीम के साथ नहीं रहेंगे।
 
दरअसल धोनी जिस विक्टर फोर्स की यूनिट का हिस्सा बनने जा रहे हैं। विक्टर फोर्स की यूनिट कश्मीर में चलाए जाने वाले आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी अहम भूमिका निभाती रही है। यह बात अलग है कि अमरनाथ यात्रा की शुरूआत के साथ ही कश्मीर में आतंकवादियों का सिर दबा कर रखा गया है और मात्र दो घटनाओं को छोड़ कोई मुठभेड़ कश्मीर में नहीं हुई है। 
 
वैसे इसके प्रति यह कहा जा रहा है कि सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच ऐसा करने का एक ‘मौखिक समझौता’ हुआ है। और जब धोनी वापस लौटेगें, उसी दिन अमरनाथ यात्रा समाप्त होगी तथा यह ‘मौखिक समझौता’ भी खत्म हो जाएगा।
 
लेफ्टिनेंट कर्नल (मानद उपाधि) धोनी के बारे में जानकारी दी गई है कि वह पैरा रेजिमेंट का हिस्सा होंगे। वह 106 टेरिटोरियल आर्मी बटालियन (पैरा) के साथ 31 जुलाई से 15 अगस्त तक रहेंगे। धोनी ने सेना के साथ ट्रेनिंग के लिए अपील की थी, जिसे सेना प्रमुख बिपिन रावत की ओर से मंजूरी दी गई है।
 
धोनी के जिम्मे पैट्रोलिंग, गार्ड और पोस्ट की ड्यूटी रहेगी। वह जवानों के साथ ही रहेंगे। धोनी ने हाल ही में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से 2 महीने का विश्राम अवकाश लिया है ताकि वह सेना के साथ ट्रेनिंग कर सकें। उन्होंने खुद को अगले महीने से शुरू हो रहे वेस्टइंडीज दौरे से भी खुद को अलग कर लिया है। धोनी की जगह युवा ऋषभ पंत विकेटकीपिंग का जिम्मा संभालेंगे।
 
सेना के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार धोनी अन्य जवानों के साथ ट्रेनिंग करेंगे और किसी आम सैनिक के साथ ही रहेंगे। धोनी की बटालियन का मुख्यालय बेंगलुरु में स्थित है, जो फिलहाल कश्मीर में तैनात है।
 
सनद रहे कि धोनी वर्ष 2015 में दक्ष पैराशूट सैनिक बने थे। उन्होंने इसके लिए आगरा के ट्रेनिंग शिविर में सेना के विमान से 5 पैराशूट ट्रेनिंग छलांग लगाई थी।

पूर्व कप्तान को वर्ष 2011 में लेफ्टिनेंट कर्नल के मानद पद से नवाजा गया था, जो प्रादेशिक सेना की 106 इन्फेन्ट्री बटालियन का हिस्सा है। सेना की पैराशूट रेजीमेंट की दो बटालियन में से यह एक है।
 

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