नई दिल्ली। विश्व के सर्वश्रेष्ठ फिनिशरों में शुमार टीम इंडिया के सीमित ओवरों के क्रिकेट कप्तान महेंद्रसिंह धोनी को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिये भले ही डेढ़ साल से ज्यादा समय गुजर चुका हो, लेकिन वे आज भी क्रिकेट के पांच दिनी प्रारूप की कमी महसूस करते हैं।
भारतीय कप्तान ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि वे आज भी टेस्ट क्रिकेट को 'मिस' करते हैं। हालांकि उन्होंने टेस्ट से खुद के संन्यास लिए जाने के निर्णय का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि आप जब लंबे समय तक किसी से जुड़े रहते हैं तो आपको उससे अलग रहने पर उसकी कमी महसूस होती है।
धोनी ने कहा कि मैं भी टेस्ट क्रिकेट को 'मिस' करता हूं क्योंकि यह सबसे पुराना प्रारूप होने के अलावा बेहद चुनौतीपूर्ण होता है। मैं टेस्ट क्रिकेट की कमी जरूर महसूस करता हूं लेकिन मेरा टेस्ट से संन्यास लेने का फैसला सही था।
टीम इंडिया के वन-डे तथा ट्वेंटी-20 कप्तान धोनी ने दिसंबर वर्ष 2014 को टेस्ट को अलविदा कह दिया था। हालांकि वे सीमित ओवरों में कप्तानी कर रहे हैं। वे क्रिकेट के पांच दिनी प्रारूप में देश के सबसे सफल कप्तान रहे हैं।
धोनी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ गुरुवार से शुरू हो रही टेस्ट सीरीज के बारे में कहा कि टीम में युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का शानदार मिश्रण है। टीम का हालिया प्रदर्शन अच्छा रहा है और मुझे पूरी उम्मीद है कि वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम विजयी प्रदर्शन करने में कामयाब रहेगी। (वार्ता)