टोम्स रिवर (न्यूजर्सी)। सार्वजनिक समारोहों से आमतौर पर दूर रहने वाले भारतीय वनडे कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने यहां प्रवासी भारतीयों से बातचीत की और उन्हें बदलाव के दौर से गुजर रही भारतीय क्रिकेट टीम का समर्थन जारी रखने को कहा।
धोनी ने यहां सिद्धिविनायक मंदिर में बातचीत के बाद कहा कि हमारा समर्थन करते रहें। हमारे पास अच्छी टीम है। हमारी टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है लेकिन आप सभी की हौसला-अफजाई से हम अच्छा प्रदर्शन करते रहेंगे।
धोनी के साथ उनकी पत्नी साक्षी और झारखंड के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो ने भीम मंदिर में पूजा की। मंदिर अभी निर्माणाधीन है और इस साल के आखिर में लोगों के लिए खुलेगा।
जींस और टीशर्ट पहने धोनी ने कहा कि अमेरिका में इस तरह की उनकी पहली यात्रा है। उन्होंने कहा कि वे जब भी अमेरिका आते हैं तो सार्वजनिक समारोहों में भाग नहीं लेते और परिवार के साथ ही वक्त बिताते हैं।
उन्होंने कहा कि मैं कई जगहों पर घूमा हूं। अधिकांश इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे क्रिकेट खेलने वाले देश हैं। अमेरिका की यह यात्रा अलग थी तथा यह उनके लिए नया अनुभव रहा कि कैसे प्रवासी भारतीयों ने अमेरिकी संस्कृति को आत्मसात करके भी भारतीय संस्कृति का दामन नहीं छोड़ा है।
धोनी ने कहा कि यह काबिले तारीफ है। बरसों पहले अमेरिका आ बसने के बाद भी वे 200 फीसदी भारतीय हैं लेकिन उसके बावजूद अमेरिकी परंपराओं को समझते हैं और उसका सम्मान करते हैं, यह सभी को सीखना चाहिए। धोनी ने पहली और दूसरी पीढ़ी के भारतीय-अमेरिकियों की भी अपने बच्चों को जीवन के विभिन्न पहलुओं से रूबरू कराने के लिए तारीफ की।
उन्होंने मीडिया से बात नहीं की और गर्मजोशी से स्वागत के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि मंदिर में आना उनके लिए सम्मान की बात थी।
उन्होंने कहा कि अमेरिका में क्रिकेट इतना लोकप्रिय नहीं है और जिन्हें इसके बारे में नहीं पता, उन्हें वे बताते हैं कि यह बेसबॉल जैसा है।
अपने शहर रांची के बारे में बताते हुए उन्होंने 2004 की एक घटना का जिक्र किया, जब उन्होंने क्रिकेट में पदार्पण किया था। उन्होंने बताया कि भारत से बाहर दौरे पर एक व्यक्ति ने रांची को कराची समझ लिया और तब उन्हें बताना पड़ा कि रांची भारत का ऐसा शहर है, जहां प्रचुर मात्रा में खनिज पाया जाता है।
2 घंटे के इस कार्यक्रम में बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दीं। इसमें करीब 150-200 लोगों ने भाग लिया। धोनी और उनकी पत्नी को अमेरिका के श्री सिद्धिविनायक मंदिर के अध्यक्ष अविनाश गुप्ता ने स्मृति चिह्न भी प्रदान किए। (भाषा)