आज का दिन किसी भी भारतीय क्रिकेट फैन के लिए याद करने लायक दिन नहीं है। भारत अगले 3 महीने में वनडे विश्वकप ODI World Cup खेलने वाला है लेकिन 4 साल पहले भारत को आज ही के दिन Semifinal सेमीफाइनल में Newzealand न्यूजीलैंड के खिलाफ 18 रनों से हार मिली थी जिससे टीम इंडिया का वनडे विश्वकप जीतने का सपना अधूरा रह गया था।
दो दिन खेला गया था सेमीफाइनल मैच
रवींद्र जडेजा की आकर्षक पारी के बावजूद भारत को शीर्ष क्रम की नाकामी के कारण मैनचेस्टर में खेले गए विश्व कप सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों 18 रन से हार का सामना करना पड़ा, जिससे उसका क्रिकेट महाकुंभ में सफर भी समाप्त हो गया था। न्यूजीलैंड लगातार दूसरी बार विश्वकप के फाइनल में पहुंचा था।
बारिश से बाधित इस सेमीफाइनल मैच में भारत के सामने 240 रन का लक्ष्य था लेकिन शीर्ष क्रम बुरी तरह लड़खड़ा गया तथा जडेजा (59 गेंदों पर 74) और महेंद्र सिंह धोनी (72 गेंदों पर 50) ने सातवें विकेट के लिए 116 रन जोड़कर मैच को आखिर तक जीवंत बनाए रखा। भारत ने हालांकि दबाव में आखिरी 4 विकेट 13 रन के अंदर गंवा दिए और इस तरह से न्यूजीलैंड लगातार दूसरी बार फाइनल में जगह बनाने में सफल रहा। भारत 49.3 ओवर में 221 रन पर सिमटा।
न्यूजीलैंड 2015 में भी खिताबी मुकाबले में पहुंचा था, जहां उसे ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा था। 2019 की खिताबी भिडंत में उसे सुपर ओवर में इंग्लैंड के हाथों हार मिली थी, जो अब तक का सबसे एतिहासिक वनडे मुकाबला माना जाता है। न्यूजीलैंड की जीत के नायक मैट हेनरी रहे थे, जिन्होंने 37 रन देकर 3 विकेट लिए थे। ट्रेंट बोल्ट ने 42 रन देकर 2 और मिशेल सैंटनर ने 34 रन देकर 2 विकेट हासिल किए थे।
भारत ने पहले 4 ओवर में ही बेहतरीन फार्म में चल रहे रोहित शर्मा, कप्तान विराट कोहली और केएल राहुल के विकेट गंवा दिए थे जिससे स्कोर 3 विकेट पर 5 रन हो गया। दिनेश कार्तिक (6) पर बड़ी जिम्मेदारी थी लेकिन उन्होंने नायक बनने का बेहतरीन मौका गंवा दिया था।
भारतीय टीम ने बनाया था शर्मनाक रिकॉर्ड
कार्तिक के आउट होते ही स्कोर 10 ओवर में 4 विकेट पर 24 रन हो गया था। यह वर्तमान विश्व कप में पहले पावर-प्ले में किसी भी टीम का न्यूनतम स्कोर था। न्यूजीलैंड ने इस मैच में एक विकेट पर 27 रन बनाए थे। गेंदबाजों ने शुरू में सीम और स्विंग का बेहतरीन इस्तेमाल करके भारतीयों को परेशानी में डाला था।
हेनरी की आउटस्विंगर रोहित के बल्ले का किनारा लेकर विकेटकीपर टॉम लैथम के दस्तानों में समायी। बोल्ट ने कोहली को पगबाधा आउट किया और डीआरएस भी भारतीय कप्तान के पक्ष में नहीं गया। हेनरी ने अगले ओवर में कोण लेती गेंद पर राहुल को विकेट के पीछे कैच कराया।
कार्तिक ने 21वीं गेंद पर खाता खोला लेकिन हेनरी की गेंद को कदमों का इस्तेमाल किए बिना खेलना उन्हें भारी पड़ा। जेम्स नीशाम ने प्वाइंट पर डाइव लगाकर उनका बेहतरीन कैच लपका। नीशाम हालांकि ऋषभ का कैच लेने में जल्दबाजी कर गए, तब पंत 18 रन पर थे।
पंत हालांकि इसका फायदा नहीं उठा पाए और बचकाना शॉट खेलकर पैवेलियन लौटे थे। यहां तक कि कोहली भी उनके इस शॉट पर बेहद नाराज दिखे, जिस पर उन्होंने मिडविकेट पर खड़े कोलिन डि ग्रैंडहोम को कैच का अभ्यास कराया था।
सैंटनर की पहली चार गेंद चूकने के बाद पांचवीं गेंद को उन्होंने स्वीप किया था। इससे पहले भी पंत दबाव में ऐसे शॉट खेलते रहे हैं, जो उनका विश्व कप की शुरुआती टीम से बाहर होने का प्रमुख कारण भी रहा था।
धोनी से ऊपर उतारे गए पंड्या ने भी पंत की गलती दोहराई थी। वह भी खुद पर संयम नहीं रख पाए थे। सैंटनर की सीधी गेंद पर स्लॉग स्वीप खेलना उन्हें महंगा पड़ा जो बल्ले का किनारा लेकर हवा में लहरा गई और केन विलियम्सन ने उसे कैच करने में गलती नहीं की थी।
जड़ेजा के अर्धशतक से लौटी थी मुस्कान
जडेजा ने 33वें ओवर में नीशाम पर छक्का जड़कर टीम का स्कोर तिहरे अंक में पहुंचाया था। इसके बाद भी उनकी टाइमिंग शानदार थी और उनके निशाने पर सैंटनर ही थे। उन्होंने इसके बाद इस स्पिनर दो और छक्के लगाकर भारतीय दर्शकों में जान भर दी थी। वह एक छोर से स्कोर बोर्ड को चलायमान रखकर गेंद और रन के बीच का अंतर कम करते रहे थे।
जडेजा के आक्रामक तेवरों के सामने न्यूजीलैंड के गेंदबाजों की लाइन व लेंथ भी गड़बड़ा गई थी। जडेजा ने 39 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया था, जो विश्व कप नाकआउट मैच में भारत के आठवें नंबर के बल्लेबाज का पहला पचासा था।
धोनी ने जडेजा को खुलकर खेलने की छूट दी और दूसरे छोर से क्रीज संभाले रखी थी। जडेजा ने लॉकी फर्गुसन पर छक्का लगाया था। भारत को आखिरी पांच ओवरों में 52 रन की दरकार थी और ऐसे में बोल्ट ने गेंद थामी थी। जडेजा ने उन पर चौका जमाया था। हेनरी के अगले ओवर में हालांकि 5 रन बने, लेकिन जडेजा ने 48वें ओवर में बोल्ट की गेंद पर लंबा शॉट खेलने के प्रयास में मिड आफ पर कैच दे दिया था। जडेजा ने अपनी पारी में 4 चौके और 4 छक्के लगाए थे।
धोनी की आखिरी वनडे पारी
भारत को आखिरी 2 ओवरों में 31 रन चाहिए थे। धोनी ने फर्ग्यूसन की पहली गेंद छक्के के लिए भेजी, लेकिन तेजी से 2 रन चुराने के प्रयास में मार्टिन गुप्टिल के सीधे थ्रो पर रन आउट हो गए थे। विकेटों के बीच सबसे बेहतरीन दौड़ के लिए मशहूर धोनी अपने कॅरियर के शुरू में भी रन आउट हुए थे। यह महेंद्र सिंह धोनी की आखिरी वनडे पारी साबित हुई और फैंस ने कई दिनों तक इस लम्हे की तस्वीर पर अफसोस जताया।
इसके बाद भारतीय पारी सिमटने में देर नहीं लगी।
इससे पहले न्यूजीलैंड ने पांच विकेट पर 211 रन से अपनी पारी आगे बढ़ाई थी लेकिन वह बाकी बची 23 गेंदों पर केवल 28 रन बना पाया था और इस बीच उसने 3 विकेट गंवाए थे। कीवी टीम की तरफ से केवल एक चौका लगा था। रिजर्व दिन खेले जा रहे सेमीफाइनल में जडेजा ने डीप मिडविकेट से थ्रो करके रोस टेलर को आउट किया था। टेलर ने 90 गेंदों का सामना किया तथा तीन चौके और एक छक्का लगाया था।
इसके बाद टॉम लैथम (10) ने भुवनेश्वर कुमार की गेंद पर जडेजा को कैच थमाया था। भुवनेश्वर ने 43 रन देकर 3 विकेट लिए थे। हेनरी ने कप्तान विराट कोहली को आसान कैच सौंपा था। मैट सेंटनर नौ और बोल्ट 3 रन बनाकर नाबाद रहे थे।