ICC Women ODI World Cup में भारत की ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली खिलाड़ियों में शामिल रही प्रतिका रावल चोट के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गई लेकिन व्हीलचेयर पर होने के बावजूद टीम के साथ रविवार रात को जश्न मनाने के लिए पहुंची।अपना पहला एकदिवसीय विश्वकप खेल रही सलामी बल्लेबाजी प्रतिका ने टूर्नामेंट में 51.33 की औसत से 1 शतक और एक अर्धशतक के साथ 308 रन बनाये।
वह साथी सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना (434 रन) के बाद भारत की दूसरी और इस टूर्नामेंट की चौथी सबसे अधिक रन बनाने वाली बल्लेबाज रही।लीग चरण के आखिरी मैच में बांग्लादेश के खिलाफ बारिश से प्रभावित मुकाबले में टखने में गंभीर चोट के कारण उन्हें टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा।
फाइनल के दौरान व्हीलचेयर पर बैठ कर टीम की हौसला अफजाई करने के बाद जीत का जश्न मनाने के लिए वह मैदान पर आईं। उन्होंने इस दौरान कंधे पर तिरंगा रख था। वह कप्तान हरमनप्रीत कौर और टीम की साथी खिलाड़ियों के साथ व्हीलचेयर पर बैठे-बैठे भांगड़ा कर इस ऐतिहासिक जीत का जश्न मना रही थी। टीम जब मंच पर ट्रॉफी के साथ जश्न मना रही थी तब भी मंधाना उनकी व्हीलचेयर को लेकर मंच पर पहुंची और उन्होंने पूरी टीम ने एक साथ जीत का जश्न मनाया।
प्रतिका ने इस दौरान प्रसारकों से कहा, मेरे पास इस खुशी को बयां करने के लिए शब्द नहीं है। मेरे कंधे पर तिरंगा है और यह काफी मायने रखनता है। चोट खेल का हिस्सा है लेकिन यहां टीम के साथ होने से बड़ा एहसास कुछ नहीं हो सकता है। इस विजेता टीम का हिस्सा होकर मैं बहुत खुश हूं।
उन्होंने कहा, मेरे लिए बाहर बैठकर मैच देखना मुश्किल था। मेरे लिए इससे आसान काम मैच खेलना था। स्टेडियम में आए दर्शक इस जीत के हकदार हैं। दर्शकों में इस तरह का जोश और जुनून देख कर मेरे रोंगटे खड़े हो गये। यह शानदार एहसास है।
प्रतिका को हालांकि विजेता टीम को दिये जाने वाला पदक नहीं मिला क्योंकि नियमों के मुताबिक वह फाइनल मैच के लिए 15 सदस्यीय टीम का हिस्सा नहीं थी। जेमिमा रोड्रिग्स और राधा यादव सहित भारतीय टीम के कुछ खिलाड़ियों ने हालांकि अपने पदक को प्रतिका के गले में डाल कर उनके लिए इस कमी को पूरी करने की कोशिश की।