अहमदाबाद। भारत के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने रविवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के लिए क्वालीफिकेशन मानदंड बदलने की आलोचना की और कहा कि विश्व संचालन संस्था को बार-बार नियम बदलने से बचना चाहिए।
भारत ने हाल में समाप्त हुई चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला में इंग्लैंड को 3-1 से हराकर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में जगह बनाई जहां उसका सामना न्यूजीलैंड से होगा। लेकिन भारतीय कोच इस बात से नाराज थे कि वैश्विक संस्था ने टूर्नामेंट के बीच में ही सबसे ज्यादा हासिल अंक के मानदंड को बदलकर सबसे ज्यादा हासिल प्रतिशत अंक कर दिया।
शास्त्री से जब पूछा गया कि जब विश्व टेस्ट चैंपियनशिप अगले चक्र के दौरान होगी तो वह क्या बदलाव देखना चाहेंगे, उन्होंने आईसीसी पर सीधा निशाना साधते हुए कहा, अगर आप मुझसे पहले चक्र के बारे में पूछोगे तो मैं कहूंगा, कृपया करके गोलपोस्ट (लक्ष्य) मत बदलिए।
उन्होंने कहा, मैं कोविड-19 के कारण अक्टूबर के महीने में घर में बैठा हूं और किसी अन्य टीम से ज्यादा अंक लेकर, शायद 360 (तीन श्रृंखलाएं जीतकर और एक गंवाने के बाद)। एक हफ्ते बाद बिना जाने ही कुछ नियम आ जाते हैं कि हम अब प्रतिशत प्रणाली से आगे बढ़ेंगे और हम अंक तालिका में पहले स्थान से खिसककर तीसरे स्थान पर पहुंच जाते हैं।
कोच ने कहा, ठीक है, क्योंकि देश यात्रा नहीं करना चाहते, जो देश रेड जोन में हैं। सब चीज स्वीकार्य है। उनकी आवाज में नाराजगी साफ झलक रही थी, उन्होंने कहा, मैं इसके पीछे का कारण समझना चाहता हूं क्योंकि इसके बाद मेरे लिए आगे का रास्ता क्या है?। मैं 60 से 70 अंक आगे था और फिर मुझे कहा जाता है कि अब आपको ऑस्ट्रेलिया जाना है और आपको क्या करना है? आपको ऑस्ट्रेलिया को हराना है।
उन्होंने कहा, अब बताइए पिछले 10 वर्षों में कितनी टीमों ने ऑस्ट्रेलिया को हराया है? उन्होंने कहा, अगर आप ऑस्ट्रेलिया को नहीं हराते तो आप स्वदेश लौटकर इंग्लैंड को 4-0 से हराइए और 500 अंक के करीब पहुंचिए और आप फिर भी क्वालीफाई नहीं कर पाते? इसलिए हमने हर चीज को बारीकी से समझा और अंत में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में प्रवेश किया।(भाषा)