कराची: पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने पाकिस्तान सुपर लीग छह के स्थगित होने के लिये पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की आलोचना की और कहा कि इससे साबित हो गया कि उसके पास दूसरी योजना तैयार नहीं थी।
अफरीदी ने बुधवार को लाहौर में एक कार्यक्रम में बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) को स्थगित नहीं किया जाना चाहिए था।
उन्होंने कहा, पीएसएल पाकिस्तान और पाकिस्तानी क्रिकेट के लिये बहुत बड़ा ब्रांड है और दुर्भाग्यपूर्ण है कि पीसीबी के पास इस महत्वपूर्ण टूर्नामेंट के लिये दूसरी योजना तैयार नहीं थी।
उन्होंने कहा, लेकिन ऐसा लगता है कि जब कुछ खिलाड़ियों और अधिकारियों में कोविड-19 के कुछ मामले सामने आये तो उनके पास दूसरी योजना नहीं थी और मुझे इससे काफी हैरानी हुई। लीग के स्थगित होने से अच्छा संदेश नहीं गया।
क्वेटा ग्लैडिएटर्स फ्रेंचाइजी के मालिक नदीम ओमर ने भी कराची में बायो-बबल को बरकरार रखने में असफल होने के लिये पीसीबी को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि टूर्नामेंट के लिये बनाये गये बायो-बबल में मामले आने के लिये पीसीबी 90 प्रतिशत जिम्मेदार है जिसके बाद पीएसएल को स्थगित करना पड़ा।
पीएसएल के स्थगित होने पर शोएब भी भड़के थे
इससे पहले रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर पाकिस्तान के तेज गेंदबाज शोएब अक्खतर ने भी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को पीएसएल स्थगित होंने के कारण आड़े हाथों लिया था।
अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किए गए वीडियो में अख्तर ने कहा था कि, जिन्होंने टेनिस बॉल क्रिकेट नहीं कराई वह पाकिस्तान सुपर लीग का आयोजन कर रहे हैं। स्टाफ में कई ऐसे लोग हैं जिनको प्रीस्क्रिपशन लिखनी नहीं आती। मैं काफी नाराज हूं कि कोरोना के कारण पीएसएल की गतिविधियां रूकी और ब्रांड खराब हुआ। मैं चाहता हूं इसकी एक उच्च स्तरीय जांच बोर्ड नहीं सरकार करवाए।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को कोराना के कारण सिर्फ पीएसएल में ही नहीं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी बेइज्जती झेलनी पड़ी है।
हाल ही में दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे दौरे पर रवाना होने वाली टीम का एक खिलाड़ी कोरोना पॉजिटिव पाया गया था और उसको क्वारंटाइन में भेज दिया गया था। साल के अंत में होने वाली न्यूजीलैंड सीरीज में तो कोवि़ड प्रोटोकॉल के उल्लंघन के कारण एक बार पीसीबी यह मन बना चुकी थी कि टीम वापस लौट आए।
कोच मिस्बाह उल हक के प्रयासों के कारण टीम जैसे तैसे वह दौरा पूरा कर पायी थी और पाक क्रिकेट की किरकिरी होने से बची थी। यही हाल पीएसएल का भी रहा।