पोर्ट ऑफ स्पेन: भारत के सीनियर सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने कहा कि वह युवा खिलाड़ियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच अपनी फॉर्म को लेकर हो रही आलोचना से परेशान नहीं हैं क्योंकि वह पिछले 10 साल से इस तरह की बातें सुनते आ रहे हैं।
कभी रोहित शर्मा और विराट कोहली के साथ भारत के शीर्ष बल्लेबाजों में शामिल रहे धवन वेस्टइंडीज के खिलाफ शुक्रवार से यहां शुरू हो रही तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला में कई नये खिलाड़ियों से सजी टीम की अगुवाई करेंगे।
मैच की पूर्व संध्या पर जब एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि क्या उन्हें आलोचना अजीब लगती है, तो धवन ने नकारात्मक जवाब दिया।धवन ने कहा, अजीब क्या लगेगा, अब तो (ऐसा सुनते हुए) 10 साल हो गये हैं। लोग बोलते रहते हैं, मैं प्रदर्शन करता रहता हूं। अगर मैं उनकी बात सुनता, तो मैं आज यहां नहीं होता।
उन्होंने कहा, मेरे पास अनुभव है, इसलिए मैं ज्यादा चिंतित नहीं हूं। जब तक मैं आत्म विश्लेषण और सुधार करता रहूंगा, तब तक कुछ भी मायने नहीं रखता।
शिखर धवन भले ही सीरीज़ के लिए कार्यवाहक कप्तान हों, लेकिन बल्ले से उनका हालिया फ़ॉर्म अच्छा नहीं रहा है। धवन ने अपने पिछले पांच वनडे मैचों में 28 की औसत और 61.53 के स्ट्राइक रेट से 112 रन बनाए हैं। उन्होंने इस फ़ॉर्मेट में आख़िरी बार शतक बनाया था तब से अब तक 20 पारियां हो चुकी हैं। अनुभवी खिलाड़ियों की ग़ैरमौजूदगी में भारत चाहेगा कि धवन अपनी फ़ॉर्म वापस पाएं।
विराट कोहली की तरह शिखर धवन का भी आखिरी शतक साल 2019 में आया था। फर्क सिर्फ इतना है कि शिखर धवन का इंतजार कोहली से भी लंबा है क्योंकि वह टेस्ट और टी-20 टीम का हिस्सा नहीं है।
विश्वकप 2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शिखर धवन ने शतक लगाया था। पिछले साल श्रीलंका के खिलाफ जब धवन को कप्तानी मिली थी तो वह 98 रनों पर आउट हो गए थे।