10 रनों पर T20I में ऑलआउट हुई टीम, भारतीय मूल के गेंदबाज ने चटकाए 6 विकेट

सिंगापुर ने मंगोलिया को टी-20 मुकाबले में 10 रन पर किया ऑलआउट

WD Sports Desk
गुरुवार, 5 सितम्बर 2024 (15:16 IST)
हर्ष भारद्वाज 3 रन पर (6 विकेट) की घातक गेंदबाजी के दम पर सिंगापुर ने टी-20 विश्व कप एशिया क्वालीफायर ए के मुकाबले में मंगोलिया की टीम को 10 रन के स्काेर पर समेटने के बाद पहले ही ओवर में 11 रन बनाकर मैच जीतकर एक अनोखा रिकार्ड बना लिया है।

बंगी में खेले गये मुकाबले में दोनों टीमों ने न्यूनतम स्कोर को लेकर एक नया रिकार्ड बना लिया है। मंगोलिया ने पुरुषों के टी20आई में सबसे कम स्कोर की बराबरी की। उन्होंने पिछले साल स्पेन के खिलाफ आइल ऑफ मैन द्वारा बनाए गए सबसे कम स्कोर की बराबरी की। वहीं सिंगापुर ने सबसे कम स्कोर का पीछा कर जीत दर्ज करने का भी रिकार्ड बनाया है।

इस दूसरे सबसे न्यूनतम स्कोर के जवाब में सिंगापुर ने पहले ओवर में एक विकेट खोकर मात्र पांच गेंदों में 11 रन बनाकर प्रतियोगिता में अपनी दूसरी जीत दर्ज की। राउल शर्मा ने छक्का लगाया और विलियम सिम्पसन ने आखिर गेंद पर चौका लगाकर सिंगापुर की जीत पक्की कर दी। इस हार के साथ मंगोलिया ने अपने सभी चार मैच गंवाए हैं और तालिका में सबसे निचले पायदान पर है।

सिंगापुर की ओर से हर्ष भारद्वाज ने चार ओवर में तीन रन देकर छह विकेट लिये। यह पुरुष टी-20 में दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। 17 वर्षीय लेगस्पिनर ने शुरुआती ओवर में दो विकेट लिए और पावरप्ले में मंगोलिया ने छह में से पांच विकेट गवां। उसके पांच बल्लेबाजों ने शून्य पर आउट हुए।

मंगोलिया ने दस ओवर तक बल्लेबाजी की और तीन मेडन ओवर खेले। लक्ष्य का पीछा करते हुए, राउल शर्मा ने अपनी पहली गेंद पर छक्का लगाया और विलियम सिम्पसन ने पहले ओवर की अंतिम गेंद पर चौका लगाकर सिंगापुर की जीत पक्की कर दी।(एजेंसी)<>

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

लीड्स की हार का एकमात्र सकारात्मक पहलू: बल्लेबाजी में बदलाव पटरी पर

ICC के नए टेस्ट नियम: स्टॉप क्लॉक, जानबूझकर रन पर सख्ती और नो बॉल पर नई निगरानी

बर्फ से ढंके रहने वाले इस देश में 3 महीने तक फुटबॉल स्टेडियमों को मिलेगी 24 घंटे सूरज की रोशनी

The 83 Whatsapp Group: पहली विश्वकप जीत के रोचक किस्से अब तक साझा करते हैं पूर्व क्रिकेटर्स

क्या सुनील गावस्कर के कारण दिलीप दोषी को नहीं मिल पाया उचित सम्मान?

अगला लेख