ऐसा लग रहा है कि जिंदगी 10 साल पीछे हो गई है। वनडे क्रिकेट विश्वकप का लगभग यही समय था। भारत और श्रीलंका की टीमें 2 अप्रैल को वानखेड़े के क्रिकेट स्टेडियम में भिड़ी थी। उसके बाद जो हुआ वह आज क्रिकेट के इतिहास में दर्ज है।
रायपुर के शहीद वीर नारायण सिंह में खेली जा रही अनअकेडमी रोड सेफ्टी सीरीज के दूसरे सेमीफाइनल में श्रीलंका लीजेंड्स ने दक्षिण अफ्रीका लीजेंड्सको आसानी से दूसरे सेमीफाइनल में 8 विकेट से हरा दिया। अब फाइनल में उसका मुकाबला इंडिया लीजेंड्स से होगा, जो पहले सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज लीजेंड्स को 12 रनों से हरा चुकी है।
श्रीलंका लीजेंड्स ने पहले टॉस जीता और फील्डिंग करने का फैसला किया। अफ्रीका लीजेंड्स की शुरुआत अच्छी नहीं रही और पुटिक बिना खाता खोले ही आउट हो गए। इसके बाद एल्विरो पीटरसन और मोर्ने वैन विक के बीच 47 रनों की साझेदारी हुई।
पीटरसन के आउट होने के बाद कोई भी बल्लेबाज विक का साथ नहीं दे पाया। ऐसा माना जाता है कि दक्षिण अफ्रीका तेज गेंदबाजी को बेहतर खेल लेती है लेकिन श्रीलंका के नुवान कुलसेकरा के सामने अफ्रीका की पारी ताश के पत्तों की तरह ढह गई।
खासकर संभलकर खेल रहे विक के आउट हो जाने के बाद जिन्होंने 8 चौकों की मदद से 47 गेंदो में 53 रन बनाए थे। नुवान कुलसेकरा ने बेहतरीन गेंदबाजी की और 4 ओवर में महज 25 रन देकर 5 विकेट लिए।
126 रनों के मामूली लक्ष्य का पीछा करने उतरी श्रीलंका की शुरुआत भी खास नहीं रही। कप्तान और सलामी बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान 18 रनों के स्कोर पर आउट हो गए। इसके बाद विस्फोटक पारियों के लिए जाने वाले सनथ जयसूर्या भी इतने ही रन बनाकर पवैलियन चले गए।
हाल ही में अतंरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले उपल थरंगा ने 44 गेंदो में 39 रनों की पारी खेली जिसमें 5 चौके शामिल थे। वहीं चियनाथाका जयसिंघे ने 25 गेंदो में 47 रनों की आतिशी पारी खेली। जयसिंघे ने 8 चौेके और 1 छक्का लगाया। दोनों के बीच हुई 70 रनों की साझेदारी ने श्रीलंका लीजेंड्स को यह मैच 18वें ओवर में ही जितवा दिया। दक्षिण अफ्रीका लीजेंड्स ने 8 गेंदबाजों का उपयोग किया लेकिन कुछ खास हासिल नहीं हुआ।
नुवान कुलसेकरा को अपने 5 विकेट के लिए मैन ऑफ द मैच का खिताब मिला। गौरतलब है कि कुलसेकरा वही गेंदबाज है जिसकी गेंद पर छक्का मारकर महेंद्र सिंह धोनी ने छक्का मारकर टीम को 2011 का वनडे विश्वकप जिताया था। इस मैच में कुलसेकरा ने गंभीर का एक कैच भी छोडा था जो काफी भारी पड़ा।
अब उन्होंने अपने दम पर टीम को फाइनल में पहुंचाया है। उनके सामने फिर वही चहेरे होंगे । सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह। कुलसेकरा के अलावा ऐसे सिर्फ दो ही खिलाड़ी श्रीलंका लीजेंड्स की टीम में है और जो 2011 वनडे विश्वकप फाइनल का भी हिस्सा थे। उनका नाम है कप्तान तिलकत्ने दिलशान और उपल थरंगा है। (वेबदुनिया डेस्क)