कभी सचिन तेंदुलकर के दोस्त और साथी टीम खिलाड़ी रहे विनोद कांबली अब आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। हालात यह है कि आमदनी का एकमात्र स्रोत बीसीसीआई की पेंशन है जो कुल 30 हजार रुपए है। मुंबई जैसे महानगर में रहने के लिए यह किसी आम आदमी के लिए भी काफी कम रकम मानी जाती है।
एक अंग्रेजी अखबार को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि वह सेवानिवृत्त खिलाड़ी है और उनके पास कमाई का सिर्फ एक ही जरिया है जो कि पेंशन है।
कांबली ने कहा कि "मैं बोर्ड का आभारी हूं लेकिन मुझे असाइनमैंट चाहिए। अपने परिवार का ध्यान रखने के लिए असाइनमैंट के लिए वह उपलब्ध है। मुंबई के कोच अमोल मजुमदार से भी वह बात कर चुके हैं। मुंबई क्रिकेट असोसिएशन के अध्यक्ष से मैं गुजारिश करूंगा कि कोई भी असाइनमैंट हो तो वह मुझे दे ताकि मेरे साथ साथ युवा क्रिकेटर्स का भला हो सके।"
ब्रेसलेट गायब, मोबाइल स्क्रीन भी टूटी
स्टाइलिश लुक के लिए जाने वाले विनोद कांबली का ब्रेसलेट गायब हो गया है। ना ही गले में चेन, ना ही हाथ में ब्रेसलेट और ना ही घड़ी। उनकी मोबाइल स्क्रीन भी टूटी हुई है।
सचिन से कांबली को कोई उम्मीद नहीं
बचपन के दोस्त सचिन तेंदुलकर से विनोद कांबली की गहराईयां छुपी हुई नहीं है। दोनों के कोच रमाकांत आचरेकर रहे हैं। हालांकि इस बुरे वक्त में कांबली का कहना है कि वह सचिन से कोई उम्मीद नहीं रखते।
सचिन ने कांबली को एक बार तेंडुलकर मिडलसेक्स ग्लोबल अकादमी का कार्यभार दिया था। हालांकि सचिन को अब कांबली के हालात के बारे में पूरी जानकारी है। यह देखना है कि क्या इस बार भी अपने स्कूल के दोस्त की मदद सचिन करते हैं या नहीं।
गौरतलब है कि दोनों ही खिलाड़ियों ने 24 फरवरी,1988 सेंट जेवियर्स (फोर्ट) के खिलाफ शारदाश्रम विद्यामंदिर की ओर से खेलते हुए 664 रन बनाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया था।
ऐसा रहा है करियर
अपना पहला एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच 1991 में पाकिस्तान के खिलाफ खेलने वाले कांबली ने 17 टेस्ट और 104 एकदिवसीय मैच खेले। उन्होंने अपना अंतिम एकदिवसीय मैच अक्टूबर 2000 में श्रीलंका के खिलाफ शारजाह में खेला था।
उन्होंने टेस्ट मैच में 1084 रन बनाए, जिसमें चार शतक शामिल हैं। एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनके नाम पर 2477 रन दर्ज हैं।