कोहली महानतम खिलाड़ियो में से एक, लेकिन तुलना में विश्वास नहीं : तेंदुलकर

Webdunia
गुरुवार, 1 नवंबर 2018 (17:49 IST)
नवी मुंबई। विराट कोहली जिस तेजी से महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्डों की तरफ बढ़ रहे है, उससे खुद मास्टर ब्लास्टर ने भी हैरानी जताते हुए कहा कि भारतीय टीम के मौजूदा कप्तान महानतम खिलाड़ियों में से एक हैं लेकिन वह ‘तुलना में विश्वास’ नहीं करते।


कोहली हाल ही में तेंदुलकर के रिकॉर्ड को तोड़कर एकदिवसीय क्रिकेट में सबसे तेज 10,000 रन बनाने वाले खिलाड़ी बने हैं। वह तेंदुलकर के वनडे में रिकार्ड 49 शतकों की तरफ भी तेजी से बढ़ रहे हैं। कोहली ने वेस्टइंडीज के खिलाफ जारी मौजूदा श्रृंखला के तीसरे वनडे में अपना 38वां शतक लगाया था।

तेंदुलकर ने कहा, ‘एक खिलाड़ी के तौर पर विराट के विकास की बात करें तो मुझे लगता है कि उसने काफी तेजी से सुधार किया है। मुझे हमेशा लगता था कि उसमें अच्छा करने की ललक है और मुझे शुरू से ऐसा लगता था कि वह दुनिया के शीर्ष बल्लेबाजों में शामिल होगा। वह भी सिर्फ इस सदी के नहीं बल्कि सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक होगा।’

उन्होंने कहा, ‘इस (कोहली को सर्वकालिक महान खिलाड़ी बताना) पर हर किसी की अपनी सोच है। अगर किसी को तुलना करनी हो तो मैं उसमें दखल नहीं करना चाहूंगा क्योकि 60, 70 और 80 के दशक के अलग तरह के गेंदबाज थे, जब मैं खेलता था तब और आज के दौर में भी गेंदबाजी अलग-अलग तरह की हो गई है।’

तेंदुलकर यहां के डी.वाई. पाटिल स्टेडियम में मिडिलसेक्स ग्लोबल अकादमी के पहले भारतीय शिविर के आयोजन के मौके पर बोल रहे थे। यहां उनके बचपन के दोस्त और बल्लेबाज विनोद कांबली ने भी बच्चों का मार्गदर्शन किया।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों का सैकड़ा लगाने वाले इस बल्लेबाज ने कहा, ‘पहली बात तो विराट ने जो कहा (दूसरे बल्लेबाज से तुलना करने के बारे में) और मैं भी 24 वर्षों तक खेलने के दौरान यही बाते कहता रहा हूं। मैंने कभी तुलना करने पर विश्वास नहीं किया। हर युग के साथ खेल का तरीका बदलता है। इसमें बदलाव निरंतर रहा है।’ मास्टर ब्लास्टर ने इस मौके पर वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट करियर शुरू करने वाले युवा सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ की तारीफ करते हुए कहा कि वह तेजी से चीजों को सीख रहा है।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है मैं पृथ्वी के बारे में बात कर सकता हूं। मैंने कभी भी चयन के मुद्दे पर यह नहीं कहा कि किसे चुना जाना चाहिए और किसे नहीं और मैं उसे ऐसा ही रखना चाहूंगा क्योंकि इससे ऐसा लगेगा की मैं चयनकर्ताओं को प्रभावित कर रहा हूं। पृथ्वी को खिलाड़ी के तौर पर देखूं तो वह तेजी से सुधार कर रहा है। मुझे लगता है कि वह जिस उम्र में है वहां से सिर्फ सुधार ही हो सकता है। उसने हर प्रारूप में अच्छा प्रदर्शन किया है।

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