कोहली ने कहा लीडर बनने के लिए कप्तान होना जरूरी नहीं, 'धोनी को ही देख लो'

Webdunia
सोमवार, 31 जनवरी 2022 (20:20 IST)
मुंबई: हाल ही में तीनों क्रिकेट प्रारूपों (टेस्ट, वनडे, टी-20) से भारत की कप्तानी से हटे विराट कोहली ने पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का उदाहरण देते हुए हुए कहा है कि ग्रुप का लीडर बनने के लिए किसी टीम का कप्तान होने की जरूरत नहीं है। अब जब वह भारत के कप्तान नहीं हैं तो वह टीम को एक बल्लेबाज के तौर पर अधिक योगदान दे सकते हैं।

ALSO READ: Under 19 वनडे विश्वकप में अफगानिस्तान कर रही है कमाल, फाइनल से बस एक कदम है दूर

विराट ने ‘डिजिट’ की ‘फायरसाइड चैट विद वीके’ में एक खिलाड़ी टीम का लीडर न होने पर भी किस तरह अपना योगदान दे सकता है, के बारे में कहा, “ हर चीज का एक कार्यकाल और समय अवधि होती है। आपको स्पष्ट रूप से इसके बारे में पता होना चाहिए। लोग कह सकते हैं कि इस शख्स ने क्या किया है, लेकिन आप जानते हैं कि जब आप आगे बढ़ने और कुछ ज्यादा हासिल करने के बारे में सोचते हैं तो आपको लगता है कि आपने अपना काम किया है। एक बल्लेबाज के रूप में, हो सकता है कि आपके पास टीम में योगदान करने के लिए और चीजें हों। आप टीम को और अधिक जीत दिला सकें, इसलिए उस पर गर्व करें। आपको लीडर बनने के लिए कप्तान होने की जरूरत नहीं है। यह बहुत सरल सी बात है। ”

उल्लेखनीय है कि कोहली ने इस महीने की शुरुआत में क्रिकेट बिरादरी को चौंका दिया था, जब उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में 1-2 से सीरीज हार के बाद टेस्ट कप्तानी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान के रूप में अपना कार्यकाल समाप्त किया। इससे पहले उन्होंने टी-20 कप्तानी छोड़ी थी, जिसके बाद उन्हें वनडे कप्तानी से भी हटा दिया गया था।

उल्लेखनीय है कि कोहली ने महेंद्र सिंह धोनी से तीनों प्रारूपों की कप्तानी संभाली थी। उन्होंने इस बारे में कहा, “ जब एमएस धोनी टीम में थे तो ऐसा नहीं था कि वह एक लीडर नहीं थे। वह अभी भी ऐसे व्यक्ति हैं, जिनसे हम लगातार सलाह ले रहे हैं, लेकिन उनके लिए यह स्वाभाविक प्रक्रिया थी और मेरे लिए इस जिम्मेदारी को संभालने और भारतीय क्रिकेट को उच्च स्तर तक ले जाने का स्वाभाविक समय था, जो मैं चाहता था और मुझे लगता है कि मैंने काफी लंबे समय तक अपने काम किया। ”

विराट ने कहा, “ आगे बढ़ने का निर्णय लेना भी नेतृत्व का हिस्सा है और यह समझने के ऊपर है ऐसा करने के लिए यही सही समय है, हालांकि इसे समझने के लिए शायद एक अलग माहौल की जरूरत है। जाहिर तौर पर एक ही संस्कृति है, लेकिन एक अलग तरीके से लोगों को बढ़ावा देने के लिए विचारों का एक अलग सेट है। सभी अलग तरीके से योगदान करते हैं। हर तरह की भूमिकाएं और जिम्मेदारियां निभानी पड़ती हैं। मैं एमएस की कप्तानी में एक खिलाड़ी के तौर पर खेला हूं और मैं लंबे समय से टीम का कप्तान रहा हूं। मेरी मानसिकता ऐसी ही रही है। जब मैं सिर्फ एक खिलाड़ी था, तब भी मैं हमेशा एक कप्तान की तरह सोचता था। मैं टीम को जीत दिलाना चाहता हूं। मुझे अपना खुद का लीडर बनना है। ”

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

INDvsNZ सीरीज के बाद इन 4 में से 2 सीनियर खिलाड़ियों हमेशा के लिए होंगे ड्रॉप

पहले 68 साल में सिर्फ 2 टेस्ट तो भारत में इस सीरीज के 10 दिनों में 3 टेस्ट मैच जीती न्यूजीलैंड

IPL को रणजी के ऊपर तरजीह देने के कारण ROKO हुए बर्बाद, सचिन गांगुली नहीं करते ऐसी गलती

श्रीलंका और भारत में टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद गंभीर पर उठ रहे सवाल

टेस्ट इतिहास का सबसे अनचाहा रिकॉर्ड बनने पर रोहित शर्मा बोले यह सबसे खराब दौर

सभी देखें

नवीनतम

6,6,6,4,6 हार्दिक पंड्या बने तूफान एक्सप्रेस, 1 ओवर में ठोके 28 रन [VIDEO]

IND vs AUS : शुभमन गिल ने चोट पर खुद दी बड़ी अपडेट, पर्थ टेस्ट में न खेलने का मलाल

भारतीय क्रिकेटर की पुणे में अचानक मौत, वजह सुनकर साथी हैरान

IND vs AUS : भारतीय टीम के लिए अच्छी खबर, शुभमन गिल दूसरे टेस्ट में खेलने को तैयार

कोहली को शतक बनाने का मौका खुद दिया, दिग्गज ने जताया ऑस्ट्रेलियाई टीम पर गुस्सा

अगला लेख