कौन है भारतीय टीम का नया 'सचिन' जिसने वर्ल्ड कप में जीता करोड़ों लोगों का दिल

टीम इंडिया U19 World Cup के Final में पहुंच गई है और सेमीफाइनल मैच में Sachin Dhas अनसंग हीरो रहे, जानें उनकी कहानी

WD Sports Desk
बुधवार, 7 फ़रवरी 2024 (16:56 IST)
Living Up To his Name, Sachin Dhas Profile :  दक्षिण अफ्रीका में खेले जा रहे U19 World Cup में महाराष्ट्र के बीड (Beed) जिले का यह खिलाड़ी टीम के सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में से एक बनकर उभरा है। टीम में फिनिशर की भूमिका निभाने वाले सचिन ने 100 से अधिक की स्ट्राइरेट से 294 रन बनाकर अपनी बैटिंग स्टाइल से कई लोगों को अपना फैन बनाया है। Sachin Das अपना शतक तो पूरा नहीं कर पाए लेकिन वे टीम को ऐसी स्तिथि में ले गए जहाँ से जितना टीम के लिए जितना ज्यादा कठिन नहीं लगा। 

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There’s something about Sachin Dhas. Something good.

— Ian Raphael Bishop (@irbishi) February 7, 2024 >
विश्व कप के सेमीफाइनल में जीत के लिए 245 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने 32 रन पर चार विकेट गंवा दिए थे लेकिन सचिन (96) ने कप्तान Uday Saharan (81) के साथ पांचवें विकेट के लिए 171 रन की शानदार साझेदारी कर टीम की जीत की नींव रखी। उनकी इस पारी से भारत लगातार पांचवीं बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचा। रविवार को ICC U19 World Cup के खिताबी मुकाबले में भारतीय टीम की भिड़ंत पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगी।

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A crucial 96 after walking in to bat at 32/4 

Sachin Dhas' knock was instrumental in India's victory in the semi-final #U19WorldCup pic.twitter.com/SGlP7bLBJ8

— ICC (@ICC) February 6, 2024 >
कौन है सचिन धास? (Who is Sachin Dhas)
सचिन धस 19 वर्षीय भारतीय क्रिकेटर हैं जो भारत U19 टीम के लिए खेलते हैं। उनका जन्म 3 फरवरी 2005 को महाराष्ट्र के बीड (Beed) में हुआ था, जो मुंबई से 400 Km पूर्व में एक शहर है। धास को उनके बड़े बड़े शॉट मारने की क्षमता और आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है।
 
सचिन धास के पिता जानते थे कि वह इस खेल के लिए ही बना है। सचिन के करियर के शुरुआती दिनों में आकार देने वाले बीड के सबसे लोकप्रिय कोच में से एक शेख अजहर ने कहा, ‘‘ ‘हमारे पास यहां (बीड में) केवल आधी पिचें हैं। सचिन जब साढ़े चार साल के थे तब अपने पिता के साथ यहां आए थे और दक्षिण अफ्रीका जाने से पहले भी उन्होंने आधी पिच पर ट्रेनिंग की थी।’’
 
 
सचिन तेंदुलकर से प्रेरित होकर रखा नाम 'सचिन' 
इस खिलाड़ी का नाम महान भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) से प्रेरित है और वह मैदान पर तेंदुलकर की तरह 10 नंबर के साथ जर्सी पहनते हैं। वह हालांकि विराट कोहली (Virat Kohli) के भी बहुत बड़े Fan है। सचिन धास के पिता संजय धास एक क्रिकेट प्रेमी हैं। संजय ने अपने बेटे का नाम अपने दूसरे पसंदीदा क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के नाम पर रखा। 

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“I am a big Sunil Gavaskar fan but I named him after my second favourite, Sachin Tendulkar so that growing up he could connect with him. (This generation might not understand Gavaskar). He wears No 10 because he adores Tendulkar.”

~ Sachin Dhas’ father.pic.twitter.com/SfvMwqJq1Y

— Cricketopia (@CricketopiaCom) February 7, 2024 >
 
सचिन के पिता संजय ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जब 2005 में उसका जन्म हुआ तो मैंने उनका नाम सचिन तेंदुलकर के नाम पर रखा क्योंकि मैं उनका बहुत बड़ा प्रशंसक था, लेकिन वह विराट कोहली को भी बहुत पसंद करता है।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘ सचिन का कोई दोस्त नहीं है। मैं ही उसका दोस्त हूँ।  वह किसी शादी, किसी जन्मदिन में कहीं नहीं गया। मैंने ऐसा कुछ नहीं करने दिया जिससे उसका ध्यान क्रिकेट से हटे।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘ उसकी मां पुलिस में है तो वह बहुत अनुशासित है।’’
 
इस बीच संजय के पास बेटे की शानदार पारी के लिए बधाई देने के लिए लगातार फोन कॉल आ रहे थे।
 
सचिन की मां सुरेखा 2010 में महाराष्ट्र पुलिस से जुड़ी और वह अब सहायक पुलिस निरीक्षक के पद पर है।
 
संजय ने कहा, ‘‘एक पुलिस अधिकारी के तौर पर उनके काम के घंटे तय नहीं हैं और वह कभी नहीं चाहती थीं कि सचिन का पूरा ध्यान क्रिकेट पर रहे। इस बात को लेकर बीच मतभेद थे लेकिन मैं जानता था कि मेरा बेटा क्रिकेटर ही बनेगा।’’
 
उन्होंने हंसते हुए कहा, ‘‘धीरे-धीरे वह समझ गई और अब ड्यूटी के बीच में अपने फोन पर विश्व कप के मैच देखती है।’’
 
पिता ने अपने बेटे के लिए अथक परिश्रम का श्रेय सचिन के बचपन के कोच अज़हर को भी दिया। महाराष्ट्र प्रीमियर लीग में कोल्हापुर टस्कर्स के लिए खेलते हुए सचिन को प्रसिद्धि मिली
 
सचिन के अभ्यास के घंटों के बारे में पूछे जाने पर संजय ने कहा, ‘‘ वह सुबह चार घंटे और शाम को साढ़े तीन घंटे अभ्यास करता है, इसमें जिम का समय भी शामिल है। मुझे कोच अजहर को श्रेय देना चाहिए। उनके बिना हमने यह दिन नहीं देखा होता।’
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