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तिलक वर्मा को मिला हैदराबाद का दिल से सलाम, फैंस के बीच बना सुपरस्टार [VIDEO]

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी नहीं हारे हौंसले, पाक को दी कड़क टक्कर, तिलक की जीत की कहानी

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WD Sports Desk

, मंगलवार, 30 सितम्बर 2025 (16:23 IST)
एशिया कप में भारत की जीत के नायक रहे मध्यक्रम के बल्लेबाज तिलक वर्मा ने मंगलवार को कहा कि फाइनल के शुरूआती दबाव और पाकिस्तानी खिलाड़ियों के मौखिक हमलों का उन्होंने बखूबी सामना किया और आक्रामक प्रतिद्वंद्वी को ‘सर्वश्रेष्ठ जवाब’ खिताब जीतना थ। तिलक के नाबाद 69 रन की मदद से भारत ने दुबई में रविवार को खेले गए फाइनल में पांच विकेट से जीत दर्ज की।
 
तिलक ने दुबई से कल रात यहां पहुंचने के बाद कहा ,‘‘ शुरूआत में कुछ दबाव और तनाव था लेकिन मैने सबसे ऊपर अपने देश को रखा और मैं देश के लिये जीतना चाहता था। मुझे पता था कि दबाव के आगे घुटने टेक दूंगा तो अपने आप को और देश के 140 करोड़ लोगों को निराश करूंगा।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ मैने बेसिक्स पर भरोसा रखा जो मैने शुरूआती दिनों में अपने अलग अलग कोच से सीखे थे और उसका अनुसरण किया। उन्हें सबसे सही जवाब यही था कि हम एशिया कप जीत जायें और हमने वही किया।’’
 
तिलक ने स्वीकार किया कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने मैच में जमकर छींटाकशी की लेकिन उन्होंने खामोश रहना पसंद किया।

उन्होंने कहा ,‘‘ आपरेशन सिंदूर के बाद वे हमारे खिलाफ काफी आक्रामक हो गए थे। हमने उन्हें खेल को जिस तरीके से खेला जाना चाहिये, वैसे ही खेलकर जवाब दिया। ’’

उन्होंने कहा ,‘‘ हमने तीन विकेट जल्दी गंवा दिये थे और माहौल काफी गर्म हो गया था। मैं जल्दी बल्लेबाजी करने आ गया लेकिन मैने किसी को कुछ नहीं कहा और ना ही कोई खराब शॉट खेलकर टीम और देश को निराश किया।’’
 
उन्होंने कहा कि एक बार भारत जीत गया तो उन्होंने पाकिस्तानी खिलाड़ियों को जवाब दिया।
 
उन्होंने कहा ,‘‘ मैच के दौरान मेरा फोकस बेसिक्स पर था और मैं उन्हें जवाब नहीं देना चाहता था। मुझे जो कुछ कहना था, वह मैने मैच के बाद कहा। मैच में बहुत कुछ चल रहा था जो मैं बता नहीं सकता । भारत और पाकिस्तान के मैचों में यह होता है लेकिन हमारा फोकस मैच जीतने पर था।’’
 
भारत को आखिरी ओवर में दस रन चाहिये थे और तिलक ने कहा कि वह तब तक दबाव से ऊपर उठ चुके थे।
 
उन्होंने कहा ,‘‘ मुझ पर आखिरी ओवर में दबाव नहीं था। मुझे पता था कि मैं मैच जिता दूंगा। मैं अपने देश के बारे में ही सोच रहा था और गेंद दर गेंद रणनीति बना रहा था। मुझे गर्व है कि मैं यह कर सका।’’
 
तिलक ने इस पारी को अपने कैरियर की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक बताया।
 
उन्होंने कहा ,‘‘ मैं इसे सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक कहूंगा। इसके अलावा इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में मैने नाबाद 72 रन बनाये थे जो बेहतरीन पारी थी। एशिया कप खेलना और पाकिस्तान के खिलाफ दबाव के हालात में फाइनल खेलना बहुत अच्छा अहसास था। मैं इस पारी को अपनी सर्वश्रेष्ठ पारी कहूंगा।’’
 
उन्होंने कहा कि भारत इसलिये जीत सका क्योंकि बल्लेबाजी के लिये कठिन पिच पर अच्छी साझेदारियां की।
 
उन्होंने कहा ,‘‘ मैं सूर्या भाई के बयान से सहमत हूं कि पाकिस्तान का हमसे कोई मुकाबला नहीं है लेकिन यह खेल है और हमें पता था कि फाइनल में वे तैयारी से आयेंगे।’’
 
तिलक ने कहा ,‘‘ हमें उसकी अपेक्षा थी और हम उसके लिये तैयार थे। पिच बल्लेबाजी के लिये आसान नहीं थी लेकिन हमने अच्छी साझेदारियां करके जीत दर्ज की और हमे इस पर गर्व है।’’
 
जीत के सूत्रधार तिलक की तुलना विराट कोहली से भी की गई लेकिन 22 वर्ष के इस बल्लेबाज ने कहा ,‘‘ जब विराट भाई जैसे लीजैंड के साथ नाम लिया जाये तो यह गर्व की बात है लेकिन मेरा फोकस सिर्फ देश के लिये मैच जीतने पर है। मुझे खुशी है कि भारत को एशिया कप जिता सका । टी20 विश्व कप मेरा अगला लक्ष्य है और विश्व कप जीतने के बाद ही चैन से सो सकूंगा।’’ (भाषा) 
 

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