पीएनजी की टीम निलंबित हुई तो जापान ने किया जूनियर विश्व कप में क्वालीफाई

Webdunia
शनिवार, 8 जून 2019 (19:03 IST)
टोकियो। वर्ष 2020 आईसीसी अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप के लिए हुए क्वालीफायर मैच से ठीक पहले पापुआ न्यू गिनी की टीम के लगभग सभी खिलाड़ियों के निलंबित हो जाने के बाद जापान ने बिना खेले ही शनिवार को विश्व टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई कर लिया।
 
जापान इसी के साथ अगले वर्ष दक्षिण अफ्रीका में होने वाले आईसीसी अंडर-19 विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने वाली महिला और पुरुष दोनों वर्गों में पहली टीम बन गई है। पापुआ न्यू गिनी और जापान के बीच सानो में शनिवार को आईसीसी अंडर-19 ईस्ट एशिया पैसेफिक रीजनल क्वालीफायर का फाइनल मुकाबला आयोजित किया जाना था, लेकिन पीएनजी की टीम मैच खेलने ही नहीं उतरी और मुकाबला रद्द करना पड़ा जिससे जापान को विजेता घोषित कर दिया गया।
 
पीएनजी क्रिकेट टीम के 14 में से 11 खिलाड़ियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई के चलते मैच से पहले निलंबित कर दिया गया था। क्रिकेट पीएनजी ने फेसबुक पर जारी बयान में बताया कि आंतरिक अनुशासनात्मक कार्रवाई और प्रबंधन के कड़े नियमों का उल्लंघन करने के कारण यह कदम उठाया गया है।
 
जापान की मेजबानी में यह मैच सानो इंटरनेशनल क्रिकेट ग्राउंड पर आयोजित किया गया था। दोनों ही टीमें अपने अपने तीनों मैच जीतकर अपराजित थीं और शनिवार को होने वाले फाइनल में प्रवेश किया था। दोनों टीमों ने पिछले मुकाबलों में समाओ, फिजी और वंताऊ को हराया था। इससे पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने बताया कि पीएनजी ने इस मैच को रद्द कर दिया है।
 
जापान ने वर्ष 2011 के बाद पहली बार ईस्ट एशिया पैसेफिक रीजनल अंडर-19 क्वालीफायर में हिस्सा लिया है। इससे पहले वह वर्ष 2007, 2009 और 2011 में हुए क्वालीफायर में जापान ने कुल 11 मैचों में केवल 1 ही मैच में जीत दर्ज की थी। (वार्ता)

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

लीड्स की हार का एकमात्र सकारात्मक पहलू: बल्लेबाजी में बदलाव पटरी पर

ICC के नए टेस्ट नियम: स्टॉप क्लॉक, जानबूझकर रन पर सख्ती और नो बॉल पर नई निगरानी

बर्फ से ढंके रहने वाले इस देश में 3 महीने तक फुटबॉल स्टेडियमों को मिलेगी 24 घंटे सूरज की रोशनी

The 83 Whatsapp Group: पहली विश्वकप जीत के रोचक किस्से अब तक साझा करते हैं पूर्व क्रिकेटर्स

क्या सुनील गावस्कर के कारण दिलीप दोषी को नहीं मिल पाया उचित सम्मान?

अगला लेख