पहले जडेजा के निशाने पर माइकल क्लार्क थे। वे शुक्रवार को पीठ दर्द के कारण नहीं खेल पाए तो जड़ेजा ने नए कप्तान शेन वॉटसन को अपना शिकार बनाया।
जड़ेजा ने वॉटसन (17) को आगे आने के लिए ललचाया और फिर बड़ी खूबसूरती से गेंद उनके बल्ले और शरीर के करीब से निकालकर धोनी को आसान स्टंप आउट करने का मौका दे दिया।
वॉटसन की कप्तान के रूप में पहली पारी 63 मिनट तक ही चल पाई। जड़ेजा ने इससे पहले क्लार्क को लगातार अपने जाल में फंसाया था। उन्होंने चेन्नई में खेले गए पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में क्लार्क को भुवनेश्वर कुमार के हाथों कैच कराया था। क्लार्क ने तब 130 रन बनाए।
दूसरी पारी में उन्हें आर. अश्विन ने आउट किया था। इसके बाद हैदराबाद और मोहाली टेस्ट मैचों की दोनों पारियों में क्लार्क को जड़ेजा ने पैवेलियन भेजा।
हैदराबाद में उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई कप्तान को दोनों पारियों में बोल्ड किया। इनमें से पहली पारी में क्लार्क (91) को उन्होंने शतक नहीं बनाने दिया था।
मोहाली में जडेजा ने क्लार्क को पहली गेंद पर महेंद्र सिंह धोनी के हाथों स्टंप कराया और दूसरी पारी में जब वे पीठ दर्द के बावजूद बल्लेबाजी के लिए उतरे तो जड़ेजा ने उन्हें चेतेश्वर पुजारा के हाथों कैच करा दिया था। (भाषा)