वनडे क्रिकेट में शतक लगाने अपने आप में एक बड़ा काम है और यह चुनौती और भी बढ़ जाती है, जब शतक किसी बहुत बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए बनाया जाए। मीरपुर में पाकिस्तान के खिलाफ कोहली ने न केवल शतक बनाया बल्कि 183 रनों की बड़ी पारी भी खेली। अगर कुछ रन और बनाने होते तो शायद वे दोहरा शतक भी लगा देते। विराट ने अपनी इस पारी में 123.64 की स्ट्राइक रेट से 22 चौके और एक छक्के की मदद से केवल 148 गेंदों में 183 रन कूट कर पाकिस्तानी गेंदबाजी को बौना साबित कर दिया।
ज्यादा दिन नहीं गुजरे जब विराट कोहली ने सीबी सिरीज के मैच में श्रीलंकाई गेंदबाजों पर कहर बरपाया था। 28 फरवरी, 2012 को खेली गई कोहली की इस पारी की भी खासियत यही रही कि उन्होंने 86 गेंदों पर 16 चौके और छक्कों के साथ 133 रनों की पारी लक्ष्य का पीछा करते हुए खेली। इस पारी में कोहली ने 154.65 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए। कोहली की इस पारी की बदौलत भारत ने यह मैच 321 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 37वें ओवर में जीत लिया था।
20 अक्टूबर, 2010 को विशाखापटनम में खेली गई विराट की 118 रनों की पारी ने भी भारत को एक मुश्किल मैच में जीत दिलाई थी। यह पारी भी उन्होंने लक्ष्य का पीछा करते हुए खेली थी। इस पारी में उन्होंने 11 चौके और एक छक्का लगाया था।
2 दिसंबर, 2011 को विराट कोहली ने शतकीय पारी खेलकर टीम को जीत दिलाई। कोहली के बल्ले से यह 117 रनों की पारी भी ऐसे वक्त निकली जब भारतीय टीम वेस्टइंडीज के खिलाफ 270 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही थी। दबाव में कोहली का खेल और निखर जाता है, इसीलिए वे लक्ष्य का पीछा करते हुए बड़ी पारियां खेलते हैं।
2011 में भारतीय टीम का इंग्लैंड दौरा निराशाजनक रहा, लेकिन कार्डिफ वनडे में विराट कोहली ने जबरदस्त बल्लेबाजी की और फिरंगियों को भी अपना मुरीद बना लिया। कोहली ने 16 सितंबर 2011 को इंग्लैंड के खिलाफ 93 गेंदों में नौ चौके और एक छक्के की मदद से 107 रनों की पारी खेली। हालांकि भारत यह मैच जीत न सका और डकवर्थ-लूईस मेथड से परिणाम इंग्लैंड के पक्ष में गया, लेकिन कोहली ने अपनी आकर्षक पारी से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।