Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

महंगा इंश्योरेंस लेने को रहें तैयार, जलवायु परिवर्तन से बढ़ा आर्थिक नुकसान

Advertiesment
हमें फॉलो करें महंगा इंश्योरेंस लेने को रहें तैयार, जलवायु परिवर्तन से बढ़ा आर्थिक नुकसान

DW

, बुधवार, 14 सितम्बर 2022 (20:02 IST)
मौसमी आपदाएं दुनियाभर में बीमा कंपनियों की हालत खस्ता कर रही हैं। ताजा मामला भारत की आईटी राजधानी बेंगलुरु का है, जहां करोड़ों रुपए के इंश्योरेंस क्लेम लाइन में हैं। 3 दिन की भारी बारिश ने भारत की आईटी राजधानी बेंगलुरु को बाढ़ में डुबो दिया। बाढ़ ने आम लोगों के साथ साथ लग्जरी गाड़ियों और घरों को भी नुकसान पहुंचाया और अब नुकसान की कीमत आंकी जा रही है।
 
5 सितंबर को शुरू हुई बारिश ने बेंगलुरु की बेकार अर्बन प्लानिंग को उजागर कर दिया। पॉश इलाके और दिग्गज आईटी कंपनियों के कॉरिडोर भी बाढ़ से नहीं बच सके। बाढ़ ने आम लोगों के साथ साथ लग्जरी गाड़ियों और घरों को भी नुकसान पहुंचाया। बाढ़ का पानी उतरने के हफ्तेभर बाद अब नुकसान की कीमत आंकी जा रही है।
 
38 साल की प्रभा देव कहती हैं कि जब भारी बारिश शुरू हुई तो मेरी कार बेसमेंट में खड़ी थी। बीमा कंपनी के स्टाफ ने 4 दिन तक कार का सर्वे किया, इंश्योरेंस क्लेम को प्रोसेस करने से पहले वे नुकसान का आकलन करने के लिए गाड़ी को टो कर गैराज ले गए। तब से इंतजार कर रही प्रभा कहती हैं कि चेक करने के बाद मुझे बताया गया कि कार मरम्मत के लायक भी नहीं रह गई है।
 
ऐसे में बीमा अगर सिर्फ रोड एक्सीडेंट से जुड़ा हो तो एक पाई भी नहीं मिलेगी, क्योंकि बाढ़ के कारण आई मैकेनिकल खराबी किसी हादसे का हिस्सा नहीं हैं। प्रभा अब यही उम्मीद कर रही हैं कि कोई उनकी गाड़ी को किसी तरह ठीक कर दे।
 
प्रीमियम गाड़ियों का कबाड़
 
इंश्योरेंस कंपनियों का कहना है कि फाइनल एस्टीमेट का पता क्लेम फाइल करने के कुछ हफ्तों बाद ही चलेगा। कई बीमा कंपनियों का कहना है कि उनके पास क्लेम की सैकड़ों रिक्वेस्ट आ चुकी हैं। आने वाले दिनों में यह संख्या बढ़ने का अनुमान है।
 
आईसीआईसीआई लॉम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस के संजय दत्ता कहते हैं कि प्रीमियम सेगमेंट व्हीकल्स, जैसे बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज और ऑडी जैसी गाड़ियों के हाई वैल्यू क्लेम भी आए हैं। 13 सितंबर तक आए क्लेम के आधार पर अनुमान लगाएं तो बेंगलुरु की बाढ़ की प्रीमियम गाड़ियों को ही 100 करोड़ का नुकसान हुआ है। दत्ता कहते हैं कि आने वाले दिनों में महंगी गाड़ियों से जुड़े 100 क्लेम और आने का अनुमान है।
 
आको जनरल इंश्योरेंस के मुताबिक उसके पास बाढ़ से जुड़े 200 से ज्यादा क्लेम आ चुके हैं। इनमें से 20 फीसदी मामले ऐसे हैं, जहां गाड़ियां पूरी तरह बेकार हो चुकी हैं। नाम नहीं बताने की शर्त पर रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि बाढ़ के बाद 1 हफ्ते के भीतर उनके पास 5 करोड़ रुपए के क्लेम फाइल किए जा चुके हैं। बजाज ऑलियांज के मुताबिक बेंगलुरु में मानसून के चलते प्रॉपर्टी क्लेमों में 100 फीसदी इजाफा हुआ है, साथ ही मोटर क्लेम भी दोगुने हो गए हैं। ये सारी भारत की बड़ी बीमा कंपनियां हैं।
 
जलवायु परिवर्तन और आर्थिक नुकसान
 
स्विट्जरलैंड की दिग्गज बीमा कंपनी स्विस रे के मुताबिक जलवायु परिवर्तन से होने वाला नुकसान लगातार बढ़ता जा रहा है। सिर्फ बाढ़ को ही देखें तो 1991 से 2000 के बीच पूरी दुनिया को 30 अरब डॉलर का नुकसान हुआ। लेकिन बीते दशक में 2011 से 2020 के बीच अकेले बाढ़ ने 80 अरब डॉलर का नुकसान पहुंचाया है।
 
2021 में जर्मनी के कुछ इलाकों में भीषण बाढ़ आई। जर्मनी की सबसे बड़ी बीमा कंपनियों में गिनी जाने वाली म्यूनिख रे के मुताबिक 2021 में दुनियाभर में प्राकृतिक आपदाओं के चलते 280 अरब डॉलर का नुकसान हुआ। वैज्ञानिकों और बीमा कंपनियों का दावा है कि ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से हर साल नुकसान बढ़ता चला जाएगा। यूरोप, अमेरिका व चीन के सूखे और पाकिस्तान की बाढ़ के कारण 2022 के 9 महीनों में ही नुकसान 280 अरब डॉलर के पार जा चुका है।
 
महंगा और कई शर्तों वाला बीमा
 
जर्मनी की आर घाटी में 2021 की बाढ़ ने कुछ बीमा कंपनियों को 5 से 7 अरब यूरो का नुकसान पहुंचाया। बाढ़ के बाद देश में नया प्रॉपर्टी इंश्योरेंस महंगा हो गया। बीमा पॉलिसी में कई तरह की शर्तें जुड़ गईं। मसलन घर की आग, जंगल की आग, बाढ़, ओलावृष्टि, बिजली गिरना आदि-आदि। 1 दशक पहले तक जो बीमा पॉलिसी काफी कुछ कवर कर लेती थी अब वह विशेष बिंदुओं पर आधारित हो गई है।
 
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले बरसों में जलवायु संबंधी नुकसान से जुड़ा बीमा महंगा हो जाएगा, फिर भले ही यह प्रॉपर्टी का हो या किसी और चीज का।
 
ओएसजे/एनआर (रॉयटर्स, एपी)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

जान लेने पर उतारु हैं बच्चों से मां-बाप की उम्मीदें