गधों को चीन के काले बाजार से बचाने के लिए गैंग बना रहे हैं लोग

Webdunia
शनिवार, 7 सितम्बर 2019 (10:28 IST)
केन्या में बहुत से गरीब लोगों का सहारा गधे हैं। गधों की चोरी से बेसहारा हुए बहुत से परिवार अब अपराधी नेटवर्कों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, विजिलांटे गैंग बनाकर।
 
पिछले तीन सालों में केन्या चीन को गधों के चमड़े की आपूर्ति के तेजी से बढ़ते कारोबार का केंद्र हो गया है। इन्हें उबालकर एजिआव नाम का जिलेटिन बनाया जाता है जिसका इस्तेमाल बढ़ती उम्र के असर को कम करने और सेक्स की ताकत बढ़ाने के लिए परंपरागत चिकित्सा में होता है। केन्या ने 2016 से गधों के लिए चार बूचड़खाने खोल रखे हैं। आस पास के दूसरे देशों में कहीं इतने गधों के बूचड़खाने नहीं हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार यहां हर रोज 1000 गधों को मारा जाता है।
 
चीन में गधों के चमड़े की बढ़ती मांग के कारण इसका काला बाजार बन गया है। चमड़े की तस्करी करने वाले गैंग किराए के गुर्गों से केन्या के गांवों में गधों की चोरी करवाते हैं। इसकी वजह से इन गैंगों पर गुस्सा बढ़ रहा है क्योंकि गधे वहां के गरीब किसानों का सहारा हैं। वे गधों पर अपनी जिंदगी, खेती और परिवहन के लिए निर्भर हैं।
 
राजधानी नैरोबी से 100 किलोमीटर दूर नइवासा शहर के प्रमुख फिलिप अरीरी बताते हैं, "जब से अप्रैल 2016 में बूचड़खाना खुला है, चोरी के मामले बढ़ गए हैं।" अब गधों के मालिकों ने भी अपने मवेशियों को बचाने के लिए गैंग बनाना शुरू कर दिया है। वे रात को गश्त लगाते हैं और गधों के खोने पर दस्ता बनाकर उन्हें खोजते हैं।
 
जब से चीन में इजिआव की मांग दस गुना बढ़कर 6,000 टन सालाना हो गई है, अफ्रीका में गधों की मांग भी बढ़ गई है। अफ्रीका में गधों की आबादी 1990 में 1.1 करोड़ हुआ करती थी लेकिन संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार ये घटकर अब 45 लाख रह गई है।
 
सेक्स की ताकत बढ़ाने वाली औषधि इजिआव कभी अमीर लोगों की लग्जरी हुआ करती थी। यह गोलियों के रूप में मिलता है जिसे पानी में घोल कर पिया जाता है या फिर एंटी एजिंग क्रीम में मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन अब यह चीन के तेजी से बढ़ते मध्यवर्ग और विदेशों में रहने वाले चीनियों में लोकप्रिय हो गया है। साल 2000 में 30 डॉलर प्रति किलोग्राम की दर से मिलने वाले इजिआव की कीमत अब 780 डॉलर प्रति किलोग्राम हो गई है।
 
खत्म हो जाएंगे गधे
हालांकि गधों के व्यापार का बड़ा हिस्सा कानूनी है लेकिन बढ़ती मांग के कारण केन्या के अलावा, बोत्स्वाना, मिस्र, दक्षिण अफ्रीका और बुरकिना फासो के गांवों में गधों की चोरी की समस्या सामने आ रही है। यहां से हजारों मवेशियों की चोरी हो रही है।
 
केन्या के खाद्य शोध संस्थान कालरो के अनुसार पिछले तीन सालों में करीब 300,000 गधों को चमड़े और मांस के निर्यात के लिए मार दिया गया है। इसी अवधि में करीब 4000 गधों की चोरी की रिपोर्ट की गई है।
 
शोध संस्थान का कहना है कि गधों को मारे जाने की दर उनके पैदा होने की दर से पांच गुनी ज्यादा है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो 2023 तक केन्या से गधे खत्म हो जाएंगे। केन्या के मुख्य पशु अधिकारी ओबादियाह न्जागी कहते हैं, "मैं चिंतित हूं, गिनती गिर रही है और उसकी भरपाई संभव नहीं।"     
 
पशु संरक्षण ग्रुप और गधों के मालिक केन्या सरकार से गधों के चमड़े का व्यापार रोकने और बूचड़खानों को बंद करने की मांग कर रहे हैं। नाइजीरिया से लेकर सेनेगल और बुरकिना फासो तक में ऐसे कदम उठाए गए हैं। नैरोबी के पशु कल्याण संस्था के प्रमुख फ्रेड ओचांग कहते हैं, "गधे लाखों परिवारों का सहारा हैं, खेती से लेकर बच्चों को स्कूल पहुंचाने में। लेकिन अब वे खतरे में हैं।" विकासशील देशों में करीब 60 करोड़ लोग आजीविका चलावने के लिए गधों, खच्चरों और घोड़ों पर निर्भर हैं।
 
चोरी और हत्या
केन्या में स्थिति तब बिगड़नी शुरू हुआ जब 2016 में नइवासा में चीनी निवेशकों की मदद से पहला बूचड़खाना स्टार ब्रिलिएंट जंकी एक्सपोर्ट खुला। कुछ महीनों के अंदर ही बूचड़खाने के सप्लायरों ने इलाके में बड़े पैमाने पर गधों को खरीदना शुरू किया, जिसकी वजह से पहले तो इलाके में गधों की कमी हुई फिर उसके दाम आसमान छूने लगे।
 
उसके बाद गांवों में अपराधी गैंग आने लगे और गधे गायब होने लगे। 40 साल के चार्ल्स मैना ने बताया कि अगस्त 2017 में उनके गधे चोरी हो गए और दो दिनों के बाद उनका बचा खुचा अवशेष घर के पास मिला। गले के पास नीचे तक उनका चमड़ा निकाल लिया गया था। उनकी पहचान माथे के मिशान से हुई। गधे के नहीं रहने से उससे होने वाली आमदनी भी नहीं रही। चार्ल्स को खर्च में कटौती करनी पड़ी है।
 
गधों की चोरी को लेकर गांव के लोगों और बूचड़खानों के संचालकों के बीच विवाद बढ़ रहा है। जब थॉमसन रॉयटर्स के पत्रकार स्टार ब्रिलिएंट के प्रमुख जॉन कारियुकी से जानकारी लेने पहुंचे तो उन्होंने जवाब देने से मना कर दिया और उनका कैमरा तोड़ दिया गया। अब पुलिस मामले की जांच कर रही है।
 
गधों की बढ़ती चोरी के कारण गांव के लोगों ने उन्हें बचाने के लिए रक्षक दल बना लिए हैं। नइवासा के निकट कामेरे के गधा मालिक संघ के जॉन कुइयाकी बताते हैं कि संगठन के 30 सदस्यों के पास पहले 100 गधे थे, अब सिर्फ 50 बचे हैं। "अब हम बारी बारी से रात में इलाके में गश्त लगाते हैं।"
 
गधों के गायब हो जाने पर मालिक पुलिस के साथ मिलकर बूचड़खानों में भी अपने गधों को खोजने जाते हैं। कारियुकी कहते हैं, "मुझे चीनी चिकित्सा के बारे में पता नहीं, लेकिन हमारे गधों को मारकर वे हमें भी मार रहे हैं।"
 
एमजे/एनआर (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)

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