Russia-Ukraine War: यूक्रेन पर 84 मिसाइल हमलों के बाद भारत 'अत्यधिक चिंतित'

DW
मंगलवार, 11 अक्टूबर 2022 (08:49 IST)
-वीके/एए (रॉयटर्स, एपी, डीपीए)
 
क्रीमिया पुल पर हुए हमले के बाद रूस के जोरदार हमलों के कारण रूस-यूक्रेन युद्ध के और भड़कने की आशंकाएं बढ़ गई हैं। भारत समेत कई देशों ने हालात पर चिंता जताई है। शनिवार को क्रीमिया पुल पर हुए ट्रक बम धमाके के बाद सोमवार को रूस ने यूक्रेन पर ताबड़तोड़ हमले किए। यूक्रेन का कहना है कि राजधानी कीव समेत देश के कई हिस्सों पर क्रूज मिसाइलों से हमले हुए।
 
यूक्रेनी सेना ने कहा कि रूस ने कुल 84 क्रूज मिसाइलें दागी हैं जिनमें 10 लोग मारे गए हैं और दर्जनों घायल हुए हैं। जून के बाद से रूस ने कीव पर हमला नहीं किया था लेकिन सोमवार को हुए हमले ने एक बार फिर लोगों को बंकरों में शरण लेने को मजबूर कर दिया।
 
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि यूक्रेन के ऊर्जा ढांचे को निशाना बनाया गया है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की एक बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि आज सुबह, रक्षा मंत्रालय की सलाह और रक्षा कर्मियों की योजना के आधार पर सटीक निशानों के साथ, लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियारों के जरिए यूक्रेन के ऊर्जा, सैन्य और संचार ढांचों पर हमले किए गए।
 
यूक्रेन के रक्षा मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा कि ये हमले दिखाते हैं कि लड़ाई में मिल रही हार से रूस कितना बेचैन हो चुका है।' उधर रूस के पूर्व राष्ट्रपति और देश की सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने सोशल मीडिया पर कहा कि यह तो बस शुरुआत है।
 
दुनिया में चिंता
 
यूक्रेन में हमलों के एकाएक बढ़ने को लेकर दुनिया के कई देशों ने चिंता जताई है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि स्थिति पर भारत 'अत्यधिक चिंतित' है। बागची ने कहा कि हम दोहराते हैं कि युद्ध की स्थिति को बढ़ाना किसी के हित में नहीं है। हम फौरी तौर पर युद्ध रोकने और बातचीत व कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आग्रह करते हैं।
 
फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों ने कहा कि रूस द्वारा नागरिकों पर किए गए हमले युद्ध के हालात में 'बहुत बड़े बदलाव' का संकेत देते हैं। मैक्रों ने कहा कि रूस द्वारा पूरे यूक्रेन पर और नागरिकों पर हमले इस युद्ध की प्रकृति में एक बड़ा बदालाव है।
 
संयुक्त राष्ट्र में भी इन हमलों के बाद की स्थिति पर चर्चा हुई। यूक्रेन ने संयुक्त राष्ट्र में रूस को 'आतंकवादी देश' बताते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद का आग्रह किया। यूक्रेन के दूत सर्गेई किस्लित्स्या ने अपने भाषण में कहा कि उनका अपना परिवार भी हमलों का शिकार हुआ है। उन्होंने कहा कि रूस ने एक बार फिर साबित किया है कि वह एक आतंकवादी देश है और उसे सख्त से सख्त उपाय कर रोका जाना चाहिए।
 
यूक्रेनी दूत ने कहा कि जब तक आपके पड़ोस में एक पागल और अस्थिर तानाशाही राज हो, आप स्थिरता और शांति की मांग नहीं कर सकते। उन्होंने बताया कि सोमवार के हमलों में 14 लोग मारे गए हैं और 97 घायल हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र में चर्चा के दौरान रूस के दूत वासिली नेबेन्ज्या ने कहा कि उनका देश "पूर्वी यूक्रेन में अपने भाई-बहनों को बचाने की कोशिश कर रहा है।
 
यूएन महासभा के सत्र से पहले महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने रूसी हमलों को 'युद्ध में अस्वीकार्य बढ़त' बताया जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि पुतिन का 'अवैध युद्ध कोरी क्रूरता दिखाता है।'
 
यूक्रेन को मिलेंगे और हथियार
 
सोमवार के हमलों के बाद जर्मनी और अमेरिका ने रूस को और ज्यादा हथियार देने की बात कही है। जर्मनी तुरंत यूक्रेन को मिसाइल सुरक्षा सिस्टम भेज रहा है। सोमवार को जर्मन रक्षा मंत्री क्रिस्टीन लाम्ब्रेष्ट ने कहा कि रूस के नागरिक ठिकानों पर हमले यूक्रेनी सेना को डिफेंस सिस्टम तुरंत उपलब्ध कराने की जरूरत को साबित करते हैं।
 
जर्मनी ने काफी समय पहले मिसाइल डिफेंस सिस्टम देने का वादा किया था। पूरे शहर की रक्षा करने की क्षमता रखने वाले ये डिफेंस सिस्टम इस साल के आखिर तक भेजे जाने थे। लेकिन सोमवार को लाम्ब्रेष्ट ने कहा कि डिलीवरी को तेज करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कीव और कई अन्य शहरों पर दोबारा मिसाइल हमलों ने दिखा दिया है कि यूक्रेन को तुरंत डिफेंस सिस्टम भेजा जाना कितना आवश्यक है। मिसाइलों और ड्रोन से किए गए इन हमलों से सबसे ज्यादा तो आम लोगों में दहशत है।
 
अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी यूक्रेन को मदद जारी रखने की बात कही है। व्हाइट हाउस ने बताया कि बाइडेन ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बात की और उन्हें रक्षा के लिए मदद का वादा किया।
 
Edited by: Ravindra Gupta

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