इंडोनेशिया के अति अनुदारवादी प्रांत आचेह में अधिकारियों ने पहले दिए गए वादों के विपरीत शुक्रवार को फिर से सार्वजनिक रूप से कोड़ों की सजा दी। दो मर्दों को समलैंगिक सेक्स के आरोप में 87 कोड़े लगाए गए।
आचेह के अधिकारियों ने पहले आश्वासन दिया था कि सजा की जगह आम लोगों के आने को सीमित किया जाएगा और कोड़ों की सजा जेल के अंदर ही दी जाएगी। मुस्लिम बहुमत वाले इंडोनेशिया में आचेह अकेला प्रांत है जो इस्लामी कानून का पालन करता है और चोरी, जुएवाजी तथा व्यभिचार के लिए सार्वजनिक तौर पर कोड़े लगाने की सजा देता है। 2014 में आचेह ने समलैंगिक संबंधों पर रोक लगा दी थी।
पिछले अप्रैल में आचेह के गवर्नर इरवंदी युसूफ ने कहा था कि वे एक अध्यादेश जारी करेंगे ताकि कोड़ो की सजा जेल के अंदर दी जाए जिसे आम लोग और मीडियाकर्मी देख तो सकें लेकिन रिकॉर्ड नहीं कर सकें। उन्होंने ये भी कहा था कि सजा पर अमल को देखने की अनुमति बच्चों को नहीं दी जाएगी। पहले सार्वजनिक रूप से कोड़े लगाने की घटनाओं का लाइवस्ट्रीम किया जाता था और बाद में उन्हें इंटरनेट पर डाल दिया जाता था। इसकी अंतरराष्ट्रीय तौर पर काफी आलोचना हुई है।
बंदा आचेह के सरकारी वकील कार्यालय के प्रमुख इरविन देसमन ने कहा है कि सार्वजनिक कोड़े लगाने पर रोक के बारे में उन्हें कोई आदेश नहीं मिला है। उन्होंने मामले पर पुनर्विचार की मांग की है। "समाज में इसके फायदे और नुकसान हैं। इसलिए हमारी सलाह है कि हम गवर्नर के साथ फिर से बैठें।" उन्होंने कहा कि फिलहाल सार्वजनिक रूप से कोड़े लगाना जारी रहेगा। आचेह में 2005 से कोड़े लगाने की सजा दी जा रही है। बहुत से स्थानीय निवासी इसका समर्थन करते हैं।
शुक्रवार को बंदा आचेह में कोड़े लगाने के दौरान 300 से 400 लोग मौजूद थे। वे खासकर समलैंगिक सेक्स के लिए सजा पाने वाले मर्दों की सजा पर समर्थन में शोर मचा रहे थे। आचेह के इस्लामी धार्मिक पुलिस के प्रमुख मुहम्मद हिदायत ने कहा कि समलैंगिक सेक्स के दोषियों को समुदाय के लोगों ने पकड़ा था। उनके अलावा 9 और लोगों को सार्वजनिक रूप से प्रेम प्रदर्शन करने के लिए सजा मिली। एक महिला को शराब बेचने के लिए सजा दी गई। कुछ लोग अपने बच्चों को साथ लाए थे और तस्वीरें खींच रहे थे।