मनुष्य महाबली कैसे बना?

Webdunia
शुक्रवार, 20 सितम्बर 2019 (11:15 IST)
मनुष्य खोजों और आविष्कारों की पीठ पर सवार हो इस दुनिया में एक मामूली जानवर से बदलकर सबसे महाबली बन गया. इन तस्वीरों में देखें कौन सी खोजें मील का पत्थर बनीं।

 
आग
19 लाख साल पहले पहली बार पके हुए खाने के सबूत मिले हैं। जिससे पता चलता है कि आग पर नियंत्रण करना मानव तब सीख चुका था और मानव सभ्यता में इस खोज की अहमियत किसी से छुपी नहीं है।
 
पहिया
तकरीबन 3500 ईसा पूर्व पहिए की खोज हुई और अब तक मानव की विकास यात्रा एक तरह से इसी पहिए पर सवार है। इसी क्रम में लकड़ी के गोल टुकड़े से होते पहिए आधुनिक शक्लें लेते गए हैं।
 
कंपास
मनुष्य को महाबली बनाने में उसकी यात्राओं का अहम योगदान रहा और इसमें दिशाबोध की मदद के लिए कंपास का आविष्कार इतना ही अहम था। 9वीं से 11वीं शताब्दी के बीच चीन में इसका आविष्कार हुआ।
 
अबाकस
आधुनिक गणित के महत्वपूर्ण सूत्रों की बुनियाद अबाकस के सरल से ढांचे में ही है। इतिहास में इसका पहली बार जिक्र 2700-2300 ईसापूर्व में मेसोपोटामिया ​की सभ्यता में मिलता है।
 
प्रिंटिंग प्रेस
छापेखाने का आविष्कार भी मानवीय ​इतिहास में एक मील का पत्थर है। पहली बार 12वीं शताब्दी में चीन में सॉंग राजवंश के समय इसका आविष्कार हुआ। इसके बाद जर्मनी के योहानस गुटनबर्ग ने 1440 के करीब इसका और परिष्कृत रूप बनाया।
 
बल्ब
बल्ब के आविष्कार ने महाबली बनते मनुष्य की यात्रा को नई रोशनी दी। 1879 में थॉमस अल्वा एडिसन ने कार्बन फिलामेंट वाले बल्ब के साथ पूरी तरह प्रकाश पैदा कर सकने वाला सिस्टम बनाया।
 
इंजन
1712 में थॉमस न्यूकोमेन द्वारा पिस्टन का इस्तेमाल कर बनाया एट्मॉस्फैरिक इंजन पहला भाप इंजन था। इसके बाद 1781 में जेम्स वॉट ने 10 हॉर्सपावर का इंजन बनाया जो कि लगातार काम कर सकता था।
 
टेलीफोन
1876 में अलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने पहली बार अमेरिका में ऐसी मशीन का पेटेंट करवाया जो कि बहुत दूर तक आदमी की आवाज ले जा सकती थी। इस तकनीक का विकास आज के अत्या​धुनिक मोबाइल फोनों तक हो चुका है।
 
हवाई जहाज
1903 में राइट ब्रदर्स पहला हवाई जहाज उड़ाने में कामयाब हुए। तब से अब तक इस सिलसिले में अत्याधुनिक तेज रफ्तार हवाई जहाज उड़ाए जा चुके हैं।
 
कंप्यूटर
अंग्रेज मैकेनिकल ​इंजीनियर चार्ल्स बावेज को कंप्यूटर का जनक कहा जाता है। 1822 में उन्होंने पहला मैकेनिकल कंप्यूटर बनाया। इसके बाद से कंप्यूटर की यात्रा सुपर कंप्यूटर तक हो चुकी है।
 
इंटरनेट
1960 में अमेरिकी रक्षा विभाग की अडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी के लिए लॉरेंस रॉबर्टस् के नेतृत्व में ऐजेंसी के कंप्यूटरों को जोड़ने के मकसद से एक नेटवर्क बनाया गया। यहीं आधुनिक इंटरनेट की शुरुआत हुई।
 
रिपोर्ट रोहित जोशी
 

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