पॉपकॉर्न की पट पट का विज्ञान

Webdunia
शुक्रवार, 13 फ़रवरी 2015 (14:41 IST)
पॉपकॉर्न, ये शब्द सुनते ही एक अजीब सी खूश्बू याद आती है। जीभ ललचाती है और कानों में पट पट की आवाज गूंजने लगती है। लेकिन क्या आपको मक्के के दाने का पट करके पॉपकॉर्न बनने का असली राज पता है।

पॉपकॉर्न को कई लोग सिनेमा हॉल से जोड़कर देखते हैं। कई लोगों को मेला या सैर सपाटा याद आता है। लेकिन फ्रांसीसी वैज्ञानिकों के लिए पॉपकॉर्न, बायोमैकेनिकल साइंस का अद्भुत उदाहरण है। फ्रांस के प्रतिष्ठित इकोल पॉलीटेक्निक के इमानुएल विरोट और अलेक्जेंडर पोनोमारेंको ने इसे पूरी तरह समझने की ठानी। उन्होंने कई हाई स्पीड कैमरों की मदद से मक्के के दाने के पॉपकॉर्न बनने की प्रक्रिया रिकॉर्ड की। हर कैमरा प्रति सेकेंड 2,900 तस्वीरें खींचने लगा।

इन तस्वीरों और कंप्यूटर डाटा से पता चला कि 100 डिग्री सेल्सियस की गर्मी पाते ही मक्के के दाने के भीतर मौजूद नमी भाप बनने लगती है। जब तापमान 180 डिग्री पहुंच जाता है तो मक्के के दाने के भीतर भाप की वजह से 10 बार का दबाव पैदा हो जाता है। दाने का बाहरी सख्त कवच इस दबाव को बर्दाश्त नहीं कर पाता और पट की आवाज कर टूट जाता है। सारी भाप बाहर निकल जाती है।

टूटने के साथ ही एक बार फिर दबाव का विज्ञान शुरू होता है। भाप बाहर निकलते ही दाने के भीतर का दबाव अचानक बहुत ही कम हो जाता है और छिलके के छोटे छोटे टुकड़े अंदर की ओर खिंचे चले जाते हैं। यही कारण है कि पॉपकॉर्न का सफेद मुलायम हिस्सा बाहर रहता है।

इमानुएल विरोट कहते हैं, "हमें पता चला कि करीब 180 डिग्री सेल्सियस का तापमान बहुत अहम है, इससे फर्क नहीं पड़ता कि दाने का आकार कैसा है।" आखिर में पॉपकॉर्न बनने की प्रक्रिया कुछ मिलीसेकेंड के भीतर होती है। वैज्ञानिक आधार पर कहा जाए तो गर्मी की वजह से बाहरी कवच में दरार पड़ने के 0।09 सेकेंड के भीतर पटाक से पॉपकॉर्न बन जाता है।

- ओएसजे/आईबी (एएफपी)
Show comments

अभिजीत गंगोपाध्याय के राजनीति में उतरने पर क्यों छिड़ी बहस

दुनिया में हर आठवां इंसान मोटापे की चपेट में

कुशल कामगारों के लिए जर्मनी आना हुआ और आसान

पुतिन ने पश्चिमी देशों को दी परमाणु युद्ध की चेतावनी

जब सर्वशक्तिमान स्टालिन तिल-तिल कर मरा

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत