दुनिया भर की महिलाएं अपने साथ होने वाले यौन दुर्व्यवहार, शोषण और बलात्कार की घटनाओं से आहत हैं। एक ट्वीट से शुरू हो कर अभियान की शक्ल ले चुके "मी टू" को देख कर यही लगता है कि हर महिला कभी न कभी उत्पीड़न की शिकार रही है।
अपने दो छोटे बच्चों के साथ बिस्तर में लेटी न्यूयॉर्क की एलिसा मिलानो को फेसबुक पर अपने किसी दोस्त के दोस्त के एक सुझाव को देख कर हार्वे वाइन्स्टाइन पर चर्चा बढ़ाने का एक तरीका सूझा। हार्वे वाइन्स्टाइन हॉलीवुड के बड़े निर्माता हैं जिन पर तीन दर्जन से ज्यादा महिलाओं ने यौन शोषण का आरोप लगाया है।
मिलानो ने ट्विटर पर लिखा अगर आप आपके साथ कोई या अपराध हुआ है तो आप इस ट्वीट के जवाब में मी टू लिखिए। अगली सुबह तक उनके पास 53000 जवाब आ चुके थे। उसके बाद से दुनिया भर की लाखों महिलाएं इस अभियान में मी टू लिख कर शामिल हुई हैं और ट्विटर के साथ शुरू हुआ यह सिलसिला फेसबुक और सोशल मीडिया के दूसरे प्लेटफॉर्मों तक भी पहुंच बना चुका है। जिस तेजी से यह अभियान आगे बढ़ रहा है उसे देख कर लगता है कि दुनिया की हर महिला ने इस तकलीफ का कभी ना कभी सामना जरूर किया है।
औरतें अपने साथ हुई घटना का ब्यौरा भी दे रही हैं जिनमें बलात्कार से ले कर दुर्व्यवहार और इस तरह की तमाम हरकतें हैं। पहले 48 घंटे में ही इस हैशटैग को 10 लाख से ज्यादा बार ट्वीट किया गया। कुछ ने सिर्फ मी टू लिख कर बिना किसी ब्यौरे के छोड़ दिया तो कुछ पुरुषों ने भी "आई हैव" लिखा। मिलाने ने समाचार एजेंसी एपी को बताया कि इस पहल के पीछे विचार वाइनस्टाइन की घटना का जिक्र कर पीड़ितों के बारे में बात करना था ताकि पता चले कि कितनी महिलाएं हैं जो आज भी इस पीड़ा को झेल रही हैं। मिलानो ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि लोगों को यह पता चलेगा कि इसका परिमाण कितना बड़ा है, कितने सारे लोग हैं जिन्होंने हमारे जीवन काल में, इस दुनिया में, इस देश में यह सब झेला है।"
एक अभियान की शक्ल ले चुके इस पहल ने लोगों को कई चीजों से वाकिफ कराया है। इनमें लाखों कहानियां ऐसी हैं जिनका पहली बार जिक्र हुआ है कम से कम सार्वजनिक रूप से। ज्यादातर पीड़ित अपने साथ हुई ज्यादाती में चुप रहना बेहतर समझते हैं क्योंकि ऐसे मामलों में आरोप लगाना और उसे साबित करने की प्रक्रिया शायद पूरी दुनिया में लंबी और कहीं ज्यादा तकलीफदेह है।
2014 में भी इसी तरह का एक सोशल मीडिया ट्रेंड सामने आया था। "येसऑलवीमेन" जिसमें महिलाओं ने यौन शोषण से जुड़े अनुभव बांटे थे। उस वक्त ट्विटर के यूजर कम थे तब भी करीब चार दिनों में इस हैशटैग को 12 लाख बार इस्तेमाल किया गया।