सीकिंग डॉट कॉम अमीर लोगों की मुलाकात गरीब युवाओं से कराती है जो अक्सर छात्र होते हैं। ये लोग "आपसी फायदों" के लिए मिलते हैं। पिछले दिनों इस साइट की ट्रैफिक काफी बढ़ गई तो सवाल उठा कि क्या यह वेश्यावृत्ति का ठिकाना है।
पहली नजर में सीकिग डॉट कॉम एक डेटिंग साइट जैसी दिखती है जहां यूजर खुद को "जोशीले लैटिना" या फिर एक "मजबूत आरामदेह शख्स" के रूप में दिखाते है, लेकिन जब आप गौर से नजर डालेंगे तो शायद इनका मकसद साफ हो जाएगा।
बहुत से यूजर लिखते हैं कि वे ऐसे लोगों की तलाश में हैं, "जो मेरी पढ़ाई में निवेश करना चाहते हों" या "जो मेरी आर्थिक मदद कर सकें।" ग्राहक यहां कथित "व्यवस्था" कायम करते हैं। वास्तव में यहां पैसे के लिए डेटिंग की बात को चाशनी में डुबो कर लिखा गया है। शुगर बेबी वह लड़की या लड़का है जिसे पैसे की जरूरत है और शूगर डैडी वह शख्स जो पैसा खर्च कर अपनी जरूरत पूरी करना चाहता है।
अगस्त में इस वेबसाइट का ट्रैफिक बढ़ कर 90 लाख तक पहुंच गया। सीकिंग के अपने आंकड़े बताते हैं कि उसके 44 फीसदी शुगर बेबी यूनिवर्सिटी के छात्र हैं। वेबसाइट इस आंकड़े को बढ़ाना चाहती है। कंपनी के सीईओ ब्रैंडन वाडे ने डीडब्ल्यू से कहा, "बहुत सी महिलाएं शुगर बेबी बनने की ख्वाहिश रखती हैं क्योंकि वो ऐसे पुरुष के साथ रहना चाहती हैं जो उनके साथ अच्छा बर्ताव करे।" इसके साथ ही उन्होंने कहा, "एस्कॉर्ट (पैसे के लिए सेक्स करने वाले) और उनके ग्राहकों को हमारी वेबसाइट पर जगह नहीं मिलती।"
हालांकि पैसे के लिए सेक्स करने वाले और दूसरी तरफ पैसे लेकर सेक्स के लिए रिश्ता बनाने वाले के बीच साफ साफ अंतर कर पाना थोड़ा मुश्किल काम है।
एक महिला का अनुभव
19 साल की लीना (बदला हुआ नाम) ने लंदन में पढ़ाई के दौरान शुगर बेबी के खुद के अनुभव के बारे में डीडब्ल्यू को बताया। लीना ने एक ही वक्त में कई अलग अलग पुरुषों से मिलना शुरू किया। उसे "स्मार्ट बन कर रहना और खुद का ख्याल रखना पड़ा।" उसने अपनी उम्मीदें बिल्कुल साफ रखी थी: वह सेक्स नहीं बेचना चाहती थी बल्कि केवल अच्छा वक्त बिताना चाहती थी। आखिरकार उसे एक पुरुष मिला जिसने उसके साथ शादी की, बच्चे पैदा किए और जो उसे हर महीने 2,200 यूरो का भत्ता देना चाहता था। लीना ने बताया, "ज्यादातर हम लंदन के शानदार रात्रिभोज में या कला प्रदर्शनियों में जाते, हम स्पा में भी गए, कभी कभी हमारी मुलाकातें ज्यादा अंतरंग भी रही। आखिर में हम अच्छे दोस्त बन गए।"
लीना सीकिंग के विज्ञापन जैसी बातें कहती हैं। वह बताती है कि कैसे शुगर डैडी ने उसे सलाह दी या कारोबारी गुर सिखाए। उसने खुद को कभी भी कॉलगर्ल के रूप में नहीं देखा। लीना ने बताया, "कुछ पुरुषों ने सेक्स के लिए तुरंत पैसे देने की पेशकश की, लेकिन मुझे वह पसंद नहीं आया। मैं यह किसी ड्रग की आदत को छिपाने के लिए नहीं कर रही थी। मैं सिर्फ चाहती थी कि बाहर जाऊं, लोगों से जुड़ सकूं और बिना डरे वह सब करूं जो करना चाहती हूं। मेरी जिंदगी वहां बहुत आलीशान थी वैसी यहां घर पर नहीं है।"
केवल विपरीतलिंगियों के लिए नहीं
जॉर्ज (बदला हुआ नाम) एक दक्षिण अमेरिकी छात्र हैं जो एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत बर्लिन आए हैं। वह एक समलैंगिक शुगर बेबी हैं और उसके शुगर डैडी उसकी पढ़ाई का खर्च उठाते हैं। जॉर्ज ने डीडब्ल्यू को बताया कि पहले उन्होंने सर्विस क्षेत्र में नौकरी पाने की कोशिश की लेकिन उन्हें अहसास हुआ कि इस काम के लिए पर्याप्त जर्मन भाषा उन्हें नहीं आती थी। उन्होंने एक एस्कोर्टिग वेबसाइट पर खुद को रजिस्टर किया और फिर शुगर डैडी के संपर्क में आए। आपसी मुलाकात के बाद दोनों के बीच एक सहमति बनी। जॉर्ज ने बताया, "वह मुझे हर महीने पैसे देते और मैं हफ्ते में दो-तीन बार उनसे मिलता।"
जॉर्ज ने "इस मौके का इस्तेमाल जर्मनी को पूरी तरह से जीने में किया," शुगर डैडी के साथ घूमना, थिएटर जाना और साथ ही इस रिश्ते का इस्तेमाल कर भाषा और संस्कृति सीखने में भी किया। हालांकि यह सिर्फ महंगी वाइन और छुट्टियों तक ही सीमित नहीं रहा। दुखद यह था कि उनके शुगर डैडी उन पर समलैंगिक और उन्मादी कमेंट कर रहे थे। इससे जॉर्ज को दिक्कत होने लगी और वह मानते हैं कि कभी कभी रिश्तों में आर्थिक ताकत बहुत ज्यादा दिखने लगती है।"
जॉर्ज ने बताया, "यह मानते हुए भी कि मैं उनके साथ पैसे के लिए नहीं हूं, मुझे उनके साथ सेक्स करना पड़ा जब मैं नहीं करना चाहता था।"
कोई नई बात नहीं
स्टेफानी क्ली एक ऐसे संगठन के साथ अभियान चला रही हैं जो यौनकर्मियों के लिए इज्जत की वकालत करता है। वह "शुगर डेटिंग" को सेक्स वर्क से अलग मानने की बात का मजाक उड़ाती हैं। उन्होंने डीडब्ल्यू से कहा, "यह कोई नई बात नहीं है। ये सब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म हो सकते हैं लेकिन सेक्स ऑनलाइन नहीं है। यह बिल्कुल सीधा और निजी है। केवल इसका प्रचार ऑनलाइन होता है।"
क्ली ने बताया कि विदेशी शुगर बेबीज का ग्राहकों के जरिए शोषण का खतरा है क्योंकि उन्हें जर्मन प्रॉस्टीट्यूशन प्रोटेक्शन लॉ के तहत संरक्षण नही मिलता। इसके लिए सेक्स वर्कर को खुद को रजिस्टर करना होता है। हालांकि वहां भी केवल यूरोपीय संघ के नागरिकों को ही शामिल किया जाता है।
एक दिक्कत और भी है। यह साफ नहीं है कि यह एक्ट सीकिंग डॉट कॉम की सेवाओं पर लागू होगा या नहीं क्योंकि साफ तौर पर उसमें सेक्स के बारे में कोई बात नहीं की गई है जबकि शायद यहां की सेवा लेने वाले के दिमाग में सबसे पहली बात यही हो सकती है।