व्हट्सएप पर होते हैं ऐसे ऐसे लोग

Webdunia
गुरुवार, 11 जनवरी 2018 (19:18 IST)
आप भी जरूर व्हट्सएप फर किसी ना किसी ग्रुप में शामिल होंगे, यह ग्रुप चाहे दोस्तों के हों या परिवार के, इनमें कुछ खास किस्म के लोग आपको हमेशा मिल जाएंगे।
 
गुडमॉर्निंग वाले
सुबह अलार्म के बजने से पहले इनका गुडमॉर्निंग का मेसेज आ जाता है। कभी फूलों के तस्वीरें होंगी, तो कभी प्रेरणा से भरे सुविचार। दिन ढलते ढलते कई बार ये गुडनाइट भी भेज देते हैं।
 
स्माइली वाले
ये लोग हर बात का जवाब स्माइली और इमोजी से देते हैं। व्हट्सऐप में कौन सा निशान कहां है, ये इन्हें ऐसे याद होता है कि कभी किसी भी इमोजी को खोजने में वक्त ही नहीं लगता।
 
ग्रुप की तस्वीर बदलने वाले
ये हर अवसर के अनुसार ग्रुप की तस्वीर बदलते हैं। स्वतंत्रता दिवस होगा तो झंडा लगेगा, दिवाली होगी तो दिया। मन में आए, तो ग्रुप का नाम भी बदल देते हैं।
 
फॉरवर्ड वाले
ये शायद खुद भी हर चीज नहीं पढ़ते हैं लेकिन अपने फोन पर आया हर फॉरवर्डेड मेसेज ये आगे जरूर बढ़ा देते हैं। इनमें चुटकुले भी होते हैं और किस्से कहानियां भी।
 
सेल्फी वाले
ये दुनिया में जहां भी जाएं, सेल्फी लेना नहीं भूलते हैं। ग्रुप हमेशा इनकी सेल्फी के साथ भरा रहता है। कभी ऑफिस की सीट पर बैठे सेल्फी लेंगे, तो कभी बाथरूम में शीशे के सामने।
 
एलओएल वाले
हर चुटकुले का एक तय जवाब।। LOL. इसका मतलब होता है लाफ आउट लाउड यानि मैं जोर से हंसा। लेकिन शायद ही कभी ये चुटकुले को पढ़ कर हंसते हों। इनका एलओएल इस बात का प्रमाण होता है कि मैंने चुटकुला पढ़ लिया है।
 
गलत ग्रुप में मेसेज वाले
ये इतने लोकप्रिय होते हैं कि हर ग्रुप में सक्रिय रहते हैं। लेकिन जल्दबाजी में यहां का मेसेज वहां टाइप कर देते हैं और फिर कहते हैं, "सॉरी, रॉन्ग ग्रुप।"
 
खाने वाले
ये कुछ भी खाने से पहले उसकी तस्वीर जरूर लेते हैं और सभी दोस्तों और रिश्तेदारों को भी दिखाते हैं कि देखो आज खाने में क्या है, फिर खाना चाहे रेस्तरां का हो या इनके हाथ का बना।
 
कुछ ना करने वाले
ये होते हुए भी नहीं होते। पढ़ते ये सब हैं लेकिन जवाब किसी बात का नहीं देते। बाकी के ग्रुप वाले अक्सर इनसे नाराज रहते हैं क्योंकि व्हट्सऐप के नीले निशान से यह तो पता चल ही जाता है कि मेसेज इन तक पहुंच गया है।
 
ग्रुप छोड़ने वाले
ये बात बात पर ग्रुप छोड़ देते हैं। अधिकतर ये दिन भर फोन पर आने वाली नोटिफिकेशन से परेशान रहते हैं, इसीलिए भाग जाते हैं। लेकिन परिवार और दोस्तों के दबाव में आ कर लौट भी आते हैं।
 
एडमिन टाइप के
कुछ लोगों को ग्रुप बनाने का बहुत शौक होता है। वे बात बात पर ग्रुप बना देते हैं। सामने वाले को पता भी नहीं चलता है, लेकिन ये उसे ग्रुप में शरीक कर चुके होते हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

अभिजीत गंगोपाध्याय के राजनीति में उतरने पर क्यों छिड़ी बहस

दुनिया में हर आठवां इंसान मोटापे की चपेट में

कुशल कामगारों के लिए जर्मनी आना हुआ और आसान

पुतिन ने पश्चिमी देशों को दी परमाणु युद्ध की चेतावनी

जब सर्वशक्तिमान स्टालिन तिल-तिल कर मरा

बहू को हुआ सास से प्‍यार, पति के साथ नहीं सोने देती है, सास हुई परेशान

UP के डिप्टी सीएम मौर्य बोले, एक और पाकिस्तान बनाने का जहर बो रही है कांग्रेस

धनंजय सिंह को मिली इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत, नहीं लड़ सकेंगे चुनाव

अगला लेख