चारु कार्तिकेय
पीएनबी घोटाले में मुल्जिम मेहुल चोकसी को बेल्जियम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि सीबीआई 2018 से भारत से फरार चोकसी के प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है। क्या उसे जल्द ही भारत वापस लाया जा सकता है?
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बेल्जियम की पुलिस ने शनिवार 12 अप्रैल को फरार हीरा कारोबारी चोकसी को गिरफ्तार कर लिया। खबरों के मुताबिक सीबीआई के तीन-चार अधिकारियों की एक टीम को प्रत्यर्पण की सारी कार्रवाई पूरी करने के लिए बेल्जियम जाने के लिए कहा गया है।
बेल्जियम सरकार ने एक बयान में चोकसी की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। देश के फेडरल पब्लिक सर्विस ऑफ जस्टिस विभाग ने कहा कि चोकसी को "आगे की न्यायिक कार्रवाई होने तक हिरासत में रखा गया है। उनके वकील को उनसे मिलने की इजाजत भी दी गई है।"
क्या है मामला
चोकसी, उनके भतीजे फरार हीरा कारोबारी नीरव मोदी और कई अन्य लोगों के खिलाफ सीबीआई और ईडी ने 2018 में पंजाब नेशनल बैंक के साथ लोन धोखाधड़ी करने के आरोप में मामला दर्ज किया था। यह करीब 13,000 करोड़ रुपयों का घोटाला बताया जाता है।
सभी आरोप पीएनबी बैंक द्वारा की गई शिकायत पर आधारित हैं। बैंक ने शिकायत की थी कि चोकसी और अन्य लोगों ने बैंक के कुछ अधिकारियों के साथ मिल कर जल्दी वचन पत्र जारी करवाए और बैंक का नुकसान करवाया। इस शिकायत की बिनाह पर सबसे पहले सीबीआई ने मामला दर्ज किया था। बाद में ईडी ने इन लोगों के खिलाफ धन शोधन यानी मनी लॉन्डरिंग के आरोप भी दर्ज कर लिए थे।
चोकसी इस मामले के सामने आने से पहले ही भारत छोड़ कर जा चुके थे। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक चोकसी ने 2017 में ही कैरेबियाई देश एंटीगुआ एंड बारबुडा की नागरिकता ले ली थी। भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया था कि उस देश के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं थी लेकिन प्रत्यर्पण की एक व्यवस्था थी जिसके तहत उसके प्रत्यर्पण के लिए भारत ने अनुरोध किया था।
लेकिन इस बीच 2021 में भारत पर चोकसी को भारत वापस लाने के लिए एक गुप्त अभियान रचने के आरोप लगे। उस साल मई में उसे एक और कैरेबियाई देश डोमिनिका में अवैध प्रवेश के लिए गिरफ्तार किया गया था। लेकिन उसके परिवार के सदस्यों और वकीलों ने आरोप लगाया था कि "भारतीय एजेंटों" ने उसका अपहरण कर लिया था। भारत ने डोमिनिका से उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया था लेकिन उसे वापस एंटीगुआ एंड बारबुडा भेज दिया गया।
2024 में खबर आई कि चौकसी बेल्जियम के ऐंटवर्प शहर में कैंसर का इलाज करवा रहा है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक चोकसी की पत्नी प्रीती चोकसी के पास बेल्जियम की नागरिकता है और मेहुल के पास "एफ कार्ड" है। यह एक तरह का रेजिडेंस कार्ड है जो यूरोपीय संघ के नागरिकों के उन निकट संबंधियों को दिया जाता है जो संघ के नागरिक नहीं हैं।
प्रत्यर्पण की कितनी गुंजाइश है
भारत और बेल्जियम के बीच प्रत्यर्पण संधि है इसलिए कानूनी रूप से वहां से चोकसी का प्रत्यर्पण मुमकिन है। हालांकि इस प्रक्रिया में अभी समय लग सकता है। चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार को बताया कि इस मामले में सुनवाई की तारीख पांच दिनों बाद मिल सकती है और तब उनकी टीम चोकसी को जमानत पर रिहा करने के लिए अपील करेगी।
अग्रवाल ने यह भी कहा कि यह अपील मुख्य रूप से चोकसी के स्वास्थ्य संबंधी हालात पर आधारित होगी क्योंकि उनका कैंसर का इलाज चल रहा है। बीते सालों में उसकी टीम ने प्रत्यर्पण का विरोध करने के लिए कई कारण गिनाए हैं। 2018 में उसकी तरफ से कहा गया था कि भारत में उनकी जान को खतरा है और भारत में "मॉब लिंचिंग" का चलन भी है।
प्रत्यर्पण की मुश्किलों का अंदाजा नीरव मोदी के मामले से भी लगाया जा सकता है। मोदी को मार्च 2019 में भारत से प्रत्यर्पण के अनुरोध पर लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया था और वो तब से जेल में है। यूके की अदालतों ने बार बार उसकी जमानत की अर्जी ठुकराई है लेकिन उसका प्रत्यर्पण अभी तक पूरा नहीं हो पाया है।
इसी तरह 2016 में भारत से फरार हुए विजय माल्या को भी 2019 में भगोड़ा घोषित कर दिया गया था। ब्रिटेन में ही उसके भी प्रत्यर्पण के भारत के अनुरोध को लेकर कानूनी प्रक्रिया चल रही है लेकिन प्रत्यर्पण अभी तक नहीं हो पाया है।