बांग्लादेश: क्या मोहम्मद यूनुस छोड़ देंगे पद?

अब मोहम्मद यूनुस के पास विकल्प सीमित हैं। या तो वह इस्तीफा दें या फिर जल्द चुनाव की तारीख घोषित करें। जो भी राह वह चुनेंगे, वही देश के राजनीतिक भविष्य की दिशा तय करेगी

DW
सोमवार, 26 मई 2025 (09:03 IST)
-प्रभाकर मणि तिवारी
 
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुखिया प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस के इस्तीफा देने की इच्छा जाहिर करने से देश की राजनीति में गहरी हलचल पैदा हो गई है। पिछले कुछ दिनों से तेजी से बदले घटनाक्रम में, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद प्रोफेसर यूनुस ने राजनीतिक दलों और अन्य पक्षों के असहयोग का हवाला देते हुए सरकार छोड़ने की इच्छा जताई है। यह बात एनसीपी (नेशनल सिटीजन्स पार्टी) के संयोजक नाहिद इस्लाम ने यूनुस से मुलाकात के बाद सार्वजनिक की। नाहिद के अनुसार 'मुख्य सलाहकार ने कहा कि जब किसी को मुझ पर भरोसा नहीं है, तो मैं सरकार कैसे चला सकता हूं।'
 
यूनुस के इस रुख ने पहले से ही विभिन्न संकटों से जूझ रही सरकार को और मुश्किल में डाल दिया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार नाहिद ने उन्हें इस्तीफा देने के निर्णय पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।
 
सियासी समर्थन में दरार
 
शेख हसीना सरकार के पतन के बाद बनी इस अंतरिम व्यवस्था को जिन छात्रों और दलों ने समर्थन दिया था, उनके बीच अब मतभेद गहराते जा रहे हैं। बीएनपी (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) पहले इस सरकार की समर्थक थी, लेकिन अब सड़कों पर उतरकर विरोध कर रही है। उसका आरोप है कि सरकार एनसीपी के प्रति नरमी बरत रही है और बीएनपी की जायज मांगों को नजरअंदाज कर रही है।
 
एनसीपी की ओर से भी तीखे तेवर अपनाए गए हैं। पार्टी ने सरकार के तीन प्रमुख सलाहकारों प्रोफेसर आसिफ नजरूल (कानूनी), सलाहुद्दीन अहमद (वित्त) और डॉ. वाहिद उद्दीन महमूद (योजना) को 'बीएनपी का प्रवक्ता' बताते हुए धमकी दी है कि अगर सरकार सुधार संबंधी सिफारिशें लागू नहीं करती, तो उन्हें इस्तीफा देना होगा।
 
सेना और चुनाव पर दबाव
 
दक्षिण एशिया के इस देश में जारी राजनीतिक गतिरोध के बीच सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने कहा है कि दिसंबर 2025 तक आम चुनाव कराए जाने चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि देश का भविष्य तय करना केवल एक निर्वाचित सरकार का अधिकार है। हालांकि सरकार ने अब तक कोई निश्चित चुनाव तिथि घोषित नहीं की है। मोहम्मद यूनुस ने संकेत दिया था कि दिसंबर 2025 से जून 2026 के बीच कभी भी चुनाव हो सकते हैं, लेकिन कोई ठोस टाइमलाइन नहीं दी गई।
 
इसी बीच अंतरिम सरकार के भीतर भी मतभेद सतह पर आ गए हैं। विदेश सचिव जसीम उद्दीन ने यूनुस और विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन के साथ तालमेल की कमी का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया। उनकी नियुक्ति सिर्फ आठ महीने पहले हुई थी। मीडिया में ऐसी खबरें आ रही हैं कि अमेरिका में बांग्लादेश के राजदूत असद आलम सियाम उनके संभावित उत्तराधिकारी हो सकते हैं।
 
तालमेल और संवाद की अपील
 
बीएनपी जहां सरकार पर हमलावर है, वहीं तीसरी बड़ी पार्टी जमात-ए-इस्लामी ने मौजूदा संकट से निकलने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की अपील की है। अमीर शफीकुर्रहमान ने एक फेसबुक पोस्ट में यह मांग उठाई, जो इससे पहले अन्य दलों के साथ हालात पर चर्चा कर चुके हैं। राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर धीमान बनर्जी का कहना है, 'बीएनपी और एनसीपी के बीच कड़वाहट और आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति ने अंतरिम सरकार को एक अस्थिर स्थिति में ला खड़ा किया है। साथ ही अब सेना का रवैया भी पहले जैसा तटस्थ नहीं रह गया है।'
 
वरिष्ठ पत्रकार और विश्लेषक शिखा मुखर्जी कहती हैं, 'अब मोहम्मद यूनुस के पास विकल्प सीमित हैं। या तो वह इस्तीफा दें, या फिर जल्द चुनाव की तारीख घोषित करें। जो भी राह वह चुनेंगे, वही देश के राजनीतिक भविष्य की दिशा तय करेगी।'

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