येति पर रहस्य बरकरार

Webdunia
गुरुवार, 3 जुलाई 2014 (13:00 IST)
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हिममानव के रूप में जाने जाने वाले विशालकाय प्राणी येति का अस्तित्व अब तक विज्ञान जगत में रहस्य बना हुआ है। इसके पांव के निशानों के पास मिले बालों की डीएनए जांच ने एक बार फिर कई सवाल खड़े किए। बाल दूसरे जानवरों के निकले।

वैज्ञानिकों ने संभावित येति के जैसे बड़े-बड़े पांव के निशानों के पास मिले बाल के करीब 30 से अधिक नमूनों की जांच की। उन्होंने पाया कि ये बाल भालू, भेड़ और पहाड़ी गायों जैसे जानवरों के हैं। 2012 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और लोसान म्यूजियम ऑफ जूलॉजी ने संग्रहालयों और वैज्ञानिकों से उनके पास मौजूद उन नमूनों की मांग की जो उन्हें येति के लगते हों।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर ब्रायन साइक्स ने बताया, 'मुझे केवल पांच फीसदी ही इस बात की संभावना लग रही थी कि हमें कोई नमूने मिलेंगे।' साइक्स उस टीम के प्रमुख हैं जो येति और अन्य संभावित पूर्वजों से मनुष्य के तार जोड़ने पर काम कर रही है।

साइक्स और उनके साथियों ने भारत, भूटान, इंडोनेशिया, नेपाल, रूस और अमेरिका से प्राप्त नमूनों की डीएनए सैंपलिंग कर जांच की। वे सभी किसी न किसी ऐसे जीव के निकले जिन्हें हम पहले से जानते हैं या जो पृथ्वी पर मौजूद हैं।

हालांकि साइक्स ने यह भी कहा कि उनकी इस जांच के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि येति थे ही नहीं। बालों के नमूने में से एक भी उनका नहीं निकला। उनका कहना है, 'इनमें से कोई भी नमूना अगर येति का नहीं निकला तो इसका यह मतलब नहीं है कि आगे भी ऐसा ही होगा।'

वैज्ञानिकों को दो नमूने ऐसे मिले जो प्राचीन ध्रुवीय भालू के थे जो कि अब वहां नहीं पाए जाते।

न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में मानव विज्ञान के प्रोफेसर टॉड डिसोटेल बड़ा प्रमाण चाहते हैं। उनका कहना है, 'मैं डीएनए प्रमाण के अलावा भी कोई आंखों देखा या फिर भौतिक प्रमाण चाहूंगा जैसे शरीर का कोई हिस्सा।'

उन्होंने कहा कि जंगल में कोई भी नमूने मिल जाने से उत्साहित होकर उसे येति से जोड़ लेना बेवकूफी है। कोई भी जीव जब जंगल में रहता है तो अपने बाल या मल का नमूना छोड़ता ही है। इससे येति के बारे में कुछ भी ठीक तरह कह पाना संभव नहीं है। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि अगर येति वास्तव में थे तो सिर्फ बाल के नमूने क्यों, उनसे संबंधित और भी प्रमाण मिलने चाहिए।

- एसएफ/एएम (एपी)

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