* ज्योतिष की भूमिका होती है दोस्ती में...
किसी भी व्यक्ति की कुंडली देखकर यह पता लगाया जा सकता है कि उस व्यक्ति के कैसे दोस्त बनेंगे और वह उनसे कैसी दोस्ती रखेगा। अक्सर यह देखने में आता है कि कई लोगों के काफी दोस्त होते हैं, जबकि कुछ लोगों की किसी से भी बिलकुल दोस्ती नहीं होती है। तारों-सितारों की भूमिका दोस्त बनाने से लेकर दोस्ती कायम रखने में काफी महत्वपूर्ण होती है।
कुंडली के तीसरे भाव से मित्रों के संबंध में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। दरसअल बारह राशियों को अलग-अलग तत्वों से बना हुआ माना गया है और इसके अनुसार ही राशियों की आपस में मित्रता को भी देखा जा सकता है।
* मेष, सिंह व धनु राशि अग्नि तत्व से
* वृषभ, कन्या, मकर पृथ्वी तत्व से
* मिथुन, तुला, कुंभ वायु तत्व से
* कर्क, वृश्चिक, मीन जल तत्व से
ज्योतिष के अनुसार अग्नि व वायु तत्व की राशियों की मित्रता मानी गई है व पृथ्वी व जल तत्व में मित्रता मानी गई है।
ऐसा नहीं है कि जल व वायु व अग्नि व पृथ्वी तत्व की राशियों वाले लोग आपस में दोस्ती नहीं कर पाते है। दोस्ती होती है, परंतु लंबे समय तक दोस्ती चलने में समस्या आती है।