जानिए हस्तरेखा के अनुसार प्रेम बंधन के योग

प्रणयन एम. पाठक
जानिए प्रेम बंधन एवं व्यभिचार योग 



 
1. जिस जातक की प्रभावित रेखा चन्द्र क्षेत्र पर होकर भाग्य रेखा से मिले एवं शुक्र क्षेत्र पर आड़ी रेखाएं होकर भी वे जीवनरेखा से न मिलें, ऐसे जातक का विवाह न होकर पर-स्त्री से प्रेम होता है एवं स्त्री के कारण ही यह जातक संकट में पड़ता है। कभी-कभी ऐसे जातकों को स्त्री के कारण जेल यात्रा भी करना पड़ती है।
 
 


 


2. जिस जातक के दोनों हाथों पर हृदयरेखा में द्वीप चिह्न हो और शुक्र रेखा स्वास्थ्य रेखा को काटकर ऊपर जाए, निश्चय ही ऐसे व्यक्ति का अवैध प्रेम संबंध होता है।
 
 



 


3. जिस जातक के हाथ की हृदय रेखा या बुध क्षेत्र पर जाए तो उसका किसी निकट संबंधी या रिश्तेदार स्त्री से प्रेम संबंध होता है।
 
 

 


4. यदि अंगुलियों के तीसरे पर्व पर यव चिह्न हो व द्वितीय पर्व पर भी यव चिह्न हो तो वह विद्याविहीन, विषयासक्त, भोगी, दुराचारी होकर जल में डूब मरता है।

 
 
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