व्यंग्य : हिन्दी का सच्चा सेवक

देवेंद्रराज सुथार
हिन्दी पखवाड़े के तहत आज गांव के गांधी मैदान में जननेता गिरोड़ीमल का भाषण होने वाला है। लोग अपने प्रिय नेता को सुनने के लिए भारी संख्या में इकट्ठा हुए हैं। आखिरकार कार्यक्रम का आगाज हुआ और गिरोड़ीमल मंच पर हिन्दी के हित में अपना भाषण देने के लिए आ ही गए। लोगों के हुजूम ने जननेता का तालियों की गड़गड़ाहट के साथ जोरों-शोरों से अभिनंदन किया।
 
गिरोड़ीमल ने भी अभिनंदन स्वीकार करते हुए सबको 'थैंक्यू' कहा और बोलना शुरू किया- मेरे प्यारे भाइयों और बहनों! आज हम सभी हिन्दी पखवाड़े के तहत हिन्दी के हित में कुछ बातें करने के लिए यहां एकत्रित हुए हैं। हम सबको हिन्दी का ज्यादा से ज्यादा 'यूज' करना चाहिए, क्योंकि हिन्दी हमारी मातृभाषा है।
 
इतना सुनते ही मेरे पास में बैठे गांव के 80 वर्षीय रामू काका ने अपनी कोहनी मारते हुए कहा- बेटा! नेताजी के कहे 'यूज' शब्द का अर्थ तो बताओ। हमको हिन्दी पढ़ते हुए 80 वर्ष हो गए। हमने तो कभी हिन्दी में ऐसे किसी शब्द का आज तक नाम नहीं पढ़ा! कोई नया शब्द आया है क्या?
 
मैंने कहा- काका! नेताजी पढ़े-लिखे हैं, अंग्रेजी में बोल रहे हैं। हिन्दी में 'यूज' यानी उपयोग होता है। इस उपयोग का उपयोग करने में नेताजी की पीएचडी है। इस पर रामू काका ने मुझे आश्चर्यपूर्वक देखा।
 
नेताजी ने आगे कहा- हिन्दी को लेकर हम 'पार्लियामेंट' में बहुत लड़े हैं। हिन्दी को आगे बढ़ाने के लिए भाइयों और बहनों! हम बहुत 'स्ट्रगल' किए हैं और यदि आप अगले चुनाव में भारी वोटों से हमें जिताएंगे तो आगे भी बहुत 'स्ट्रगल' करेंगे।
 
रामू काका ने फिर मुझे कोहनी मारी और कहा- बेटा! 'पार्लियामेंट' और 'स्ट्रगल' का मतलब? यह भी कोई अंग्रेजी मच्छर है क्या?
 
मैंने कहा- हां काका! 'पार्लियामेंट' यानी संसद भवन और 'स्ट्रगल' यानी संघर्ष होता है। यह संघर्ष नेताजी ने इतना किया है कि एक बड़ा बंगला और दो बीएमडब्लू कारें बंगले के बाहर खड़ी कर दी हैं।
 
अंत में नेताजी ने मार्मिक स्वर में कहा- भाइयों और बहनों! हमसे 'प्रॉमिस' कीजिए कि आप सभी हिन्दी का हर समय 'यूज' करेंगे। जनता ने तालियों के शोर के साथ हां कही और नेताजी ने विदा ली।
 
लेकिन रामू काका ने फिर मुझसे सवाल किया- बेटा! अब 'प्रॉमिस' का मतलब भी बता ही दो।
 
मैंने कहा- काका! 'प्रॉमिस' वह लॉलीपॉप है जिसके चक्कर में फंसकर हम ऐसे हिन्दी के सच्चे सेवकों को हर बार चयन करते हैं। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

सावन में कढ़ी क्यों नहीं खाते? क्या है आयुर्वेदिक कारण? जानिए बेहतर विकल्प

हर किसी के लिए सुरक्षित नहीं होता आइस बाथ, ट्रेंड के पीछे भागकर ना करें ऐसी गलती

सावन में हुआ है बेटे का जन्म तो लाड़ले को दीजिए शिव से प्रभावित नाम, जीवन पर बना रहेगा बाबा का आशीर्वाद

बारिश के मौसम में साधारण दूध की चाय नहीं, बबल टी करें ट्राई, मानसून के लिए परफेक्ट हैं ये 7 बबल टी ऑप्शन्स

इस मानसून में काढ़ा क्यों है सबसे असरदार इम्युनिटी बूस्टर ड्रिंक? जानिए बॉडी में कैसे करता है ये काम

सभी देखें

नवीनतम

क्या हमेशा मल्टी ग्रेन आटे की रोटी खाना है सेहतमंद, जान लें ये जरूरी बात

7 चौंकाने वाले असर जो खाना स्किप करने से आपकी बॉडी पर पड़ते हैं, जानिए क्या कहती है हेल्थ साइंस

मानसून में डेंगू के खतरे से बचने के लिए आज ही अपना लें ये 5 आसान घरेलु उपाय

ऑपरेशन सिंदूर पर शानदार कविता: भारत के स्वाभिमान और देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत पंक्तियां

शताब्दी वर्ष में समाज परिवर्तन के लिए सक्रिय संघ

अगला लेख