सीरियल निर्माता की एक सुबह

Webdunia
- रोमेश जोशी
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उस दिन शूटिंग दोपहर से थी। निर्माता के सारे सीरियलों के निर्देशक और लेखक लोग ड्राइँग रूम में बैठे निर्माता के बाहर आने का इंतजार कर रहे थे। निर्माता के दिखाई देते ही उन्होंने एक झटके में खड़े होकर उसका स्वागत किया। सबने हाथ जोड़े। निर्माता ने किसी को जवाब नहीं दिया। वह मध्य में रखी किसी संत की मूर्ति के सामने गया। अगरबत्ती जलाई। नमन किया,फिर उन सबके बीच रखी विशेष कुर्सी पर बैठने का इशारा किया।

बाकी सब भी बैठ गए। जिसकी ओर बैठने का इशारा किया था, बात उसी निर्देशक नंबर-एक से शुरू हुई 'मुझे लगता है कि आप मेरे बच्चों को भूखा मार देना चाहते हैं।'

' ऐसी क्या बात हो गई सर?'

' क्या नहीं हो गई?' निर्माता ने झल्लाकर कहा और जवाब में सबके सिर नीचे झुक गए। निर्माता ने आगे कहा, 'आप सबको पता है, हमें इन कहानियों को दस-दस हजार एपिसोड तक खींचना है। अगले बीस साल तक मैं इनका निर्माता रहूँगा। मेरे मरने के बाद मेरे बेटे इनके निर्माता होंगे। वे लोग तय करेंगे कि दस हजार से आगे कैसे बढ़ाना है। और आप हैं कि लगता है पाँच-दस साल में ही इन सारी कहानियों को पूरी कर देना चाहते हैं।'

' ऐसा तो नहीं है सर।' एक लेखक ने बोलने की हिम्मत की।

' क्या खाक नहीं है।' निर्माता ने दहाड़कर कहा, 'मैं पूछता हूँ पिछले तीन एपिसोड से कहानी डेढ़-डेढ़ इंच कैसे आगे बढ़ रही है?'

निर्माता के सवाल के जवाब में निर्देशक नंबर एक ने घूरकर लेखक से कहा, 'जवाब आप दीजिए।'

लेखक ने पहले सिर नीचा किया, फिर कहा- 'वह मुझसे भूल हो गई। सेंटीमीटर को इंच समझ बैठा। और मैंने कहानी डेढ़ इंच...।'

अन्य लेखकों और निर्देशकों की हँसी के बीच निर्माता ने नाराजी जारी रखते हुए निर्देशक से पूछा, 'लेकिन आप क्या कर रहे हैं? यही लापरवाही तो मुझे खा जाएगी। कल को दर्शक कहानी आगे बढ़ाने की अपेक्षा करने लगेंगे तो हम क्या करेंगे? और आप?'

निर्माता ने नंबर-दो निर्देशक की ओर रुख किया और कहा, 'पिछले चार एपिसोड से आपके हीरो ओर हीरोइन एक बार भी नहीं रोए हैं।'

' लेकिन सर, हम उनके माँ-बाप और भाई-बहनों को,यहाँ तक कि पड़ोसियों को भी रुला रहे हैं।'

' उससे बात नहीं बनती, अगर आप हीरो- ह ीरोइन को नहीं रुला सकते तो ऐसा कहिए।' मैं जानता हूँ उसके बाद मुझे क्या करना है।

' नहीं-नहीं जी,आगे से शिकायत नहीं आएगी।'उनमें से एक ने कहा,जो हवा का रुख देखकर बोलना जानता था,लेकिन अभी भी कुछ बाकी था। निर्माता ने तीसरे की ओर देखकर कहा,'और आप,आपके सीरियल में कुल बाईस पात्र हैं। उनमें पाँच पात्र अभी तक एक बार भी नहीं रोए। मैं आप दोनों को आखिरी बार हिदायत दे रहा हूँ। हर 15 एपिसोड में कहानी के हर पात्र को रुलाना है। मैं नहीं जानता आप उन्हें कैसे रुलाते हैं।'

उनमें से एक लेखक जो कुछ नया था,उसने हिम्मत के साथ प्रश्न किया,'लेकिन सर हमारी सारी कहानियों के सारे पात्र करोड़पति बल्कि अरबपति हैं,फिर भी हर पंद्रह एपिसोड में उन्हें रुलाना बड़ा अजीब लगता है।'

  आपके सीरियल में कुल बाईस पात्र हैं। उनमें पाँच पात्र अभी तक एक बार भी नहीं रोए। मैं आप दोनों को आखिरी बार हिदायत दे रहा हूँ। हर 15 एपिसोड में कहानी के हर पात्र को रुलाना है। मैं नहीं जानता आप उन्हें कैसे रुलाते हैं।'      
' यह सब सोचना आपका काम नहीं है। आप सिर्फ लेखक हैं,जैसा आपको बताया जाता है लिखते जाइए।'कहकर लेखक को चुप करते हुए निर्माता ने चौथे की ओर देखकर सवाल किया,'क्योंजी वह जो आपका हीरो है,वह बारबार मुझसे मिलने का समय क्यों माँग रहा है?'

' शायद पेमेंट का मामला है।' निर्देशक के जवाब पर निर्माता 'हूँ 'कहकर कुछ देर के लिए चुप हो गया,फिर बोला,'अगले दो एपिसोड में उसका एक्सिडेंट करवाकर लाश गायब करवा दीजिए, फिर देखेंगे। ठीक है अब आप लोग जा सकते हैं,लेकिन ध्यान रहे आगे से कहानी डेढ़ सेंटीमीटर से ज्यादा आगे नहीं बढ़नी चाहिए।'

और आप-हम देख रहे हैं,अब किसी एपिसोड की कहानी आगे नहीं बढ़ती।

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