छत्तीसगढ़ की कोरबा सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष के आसार

Webdunia
शुक्रवार, 29 मार्च 2019 (12:06 IST)
कोरबा। वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई छत्तीसगढ़ की कोरबा लोकसभा सीट पर अब तक कांग्रेस और भाजपा को एक-एक बार जीत मिली है, लेकिन इस बार क्षेत्रीय दल जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जकांछ) मैदान में उतरकर मुकाबले को त्रिकोणीय और रोचक बना सकता है।
 
भारत अल्युमिनियम लिमिटेड कंपनी (बाल्को), राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) और दक्षिण पूर्व कोयला प्रक्षेत्र (एसईसीएल) की कोयला खानों की बदौलत 'औद्योगिक नगरी', 'उर्जाधानी' और 'काले हीरे की खान' जैसे नामों से विख्यात कोरबा पहले जांजगीर-चांपा संसदीय क्षेत्र लोकसभा का हिस्सा रहा। वर्ष 2008 में हुए परिसीमन के बाद कोरबा अलग लोकसभा सीट बनी।
 
वर्ष 2009 में इस सीट के लिए हुए पहले चुनाव में कांग्रेस ने फतह हासिल की और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के कद्दावर नेता चरणदास महंत ने पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला को पराजित किया। बदली परिस्थिति में श्रीमती शुक्ला अब कांग्रेस में हैं। इसके बाद 2014 के आम चुनाव के दौरान मोदी लहर का भाजपा को लाभ मिला और उसके उम्मीदवार बंशीलाल महतो ने कांग्रेस के महंत को हराकर यह सीट छीन ली।
 
इस चुनाव में कांग्रेस ने श्रीमती ज्योत्सना महंत को चुनाव मैदान में उतारा है। श्रीमती महंत पूर्व सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री चरण दास महंत की पत्नी है। महंत इस समय छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के हैं। दूसरी तरफ भाजपा ने नए चेहरे पर दांव आजमाते हुए ज्योतिनंद दुबे को अपना उम्मीदवार बनाया है।
 
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जकांछ) प्रमुख एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कोरबा से लोकसभा चुनाव लड़ने की मंशा जताकर सनसनी फैला दी है। हाल में कोरबा पहुंचे जोगी ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि वह लोकसभा चुनाव लड़ेंगे, लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि इस संबंध में आधिकारिक तौर पर कुछ दिनों के उपरांत घोषणा करेंगे।
 
उल्लेखनीय है कि गत विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और जकांछ के बीच गठबंधन था। विधानसभा चुनाव में अपेक्षाकृत परिणाम सामने नहीं आए। बसपा तीन और जकांछ ने चार सीट ही हासिल कर पाई। दोनों दलों ने लोकसभा चुनाव में भी गठबंधन जारी रखे जाने की प्रतिबद्धता जताई थी, लेकिन बसपा ने राज्य की 11 लोकसभा सीटों में से आठ पर एकतरफा अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। हालांकि जोगी का कहना है कि वह गठबंधन धर्म का निर्वहन करेंगे तथा चुनाव लड़ने के संबंध में बसपा प्रमुख मायावती से चर्चा करेंगे।
 
जोगी वर्तमान में मरवाही (सु) निर्वाचन क्षेत्र के विधायक हैं। यह विधानसभा सीट कोरबा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत है। ऐसे में अगर जोगी कोरबा से लोकसभा चुनाव लड़ते हैं तो यहां चुनावी संघर्ष त्रिकोणीय होने के साथ ही दिलचस्प भी होगा।
 
कोरबा की अर्थव्यवस्था में उद्योग और कृषि का बराबर का हिस्सा है। इस संसदीय क्षेत्र में आठ विधानसभा सीटें हैं, जिनमें भरतपुर-सोनहत (सु), मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर, रामपुर (सु), कोरबा, कटघोरा, पाली-तानाखार (सु) और मरवाही (सु) शामिल हैं। इनमें से छह पर कांग्रेस का कब्जा है तथा शेष एक-एक सीट भाजपा और जकांछ के हिस्से में है।
 
हसदेव और अहिरन नदी के किनारे बसे तथा हरे-भरे वनों से आच्छादित कोरबा लोकसभा क्षेत्र में आधी आबादी आदिवासियों की है, हालांकि यह सीट सामान्य श्रेणी के लिए आरक्षित है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान इस क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 14 लाख 19 हजार 610 थी। इनमें 7 लाख 25 हजार 821 पुरुष एवं 6,93,789 महिला मतदाता थे। (वार्ता)

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