पीएम मोदी के आरोपों का पूर्व एडमिरल ने किया खंडन, INS Viraat पर छुट्टियां मनाने नहीं गए थे राजीव गांधी

Webdunia
गुरुवार, 9 मई 2019 (21:30 IST)
नई दिल्ली। रामलीला मैदान में बुधवार को एक जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरोप लगाया था कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए विमानवाहक पोत आईएनएस विराट  (INS Viraat) का प्रयोग एक द्वीप पर परिवार के साथ छुट्टी मनाने के लिए किया था। मोदी के इस बयान के बाद राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। पूर्व एडमिरल एल. रामदास ने पीएम मोदी के आरोप को खारिज करते हुए इसे राजनीतिक जुमला बताया है। वाइस एडमिरल (सेवानिवृत्त) और आईएनएस विराट के तत्कालीन कमांडिंग ऑफिसर विनोद पसरीचा ने कहा है कि राजीव गांधी उस दौरान एक आधिकारिक दौरे पर थे और कोई पिकनिक नहीं मना रहे थे।
 
रामलीला मैदान पर हुई सभा में मोदी दावा किया था कि आईएनएस विराट का प्रयोग टैक्सी की तरह किया गया था और इसमें इटली से आए उनके रिश्तेदार भी शामिल हुए थे। एक समाचार चैनल से रामदास ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी आईएनएस विराट पर सरकारी काम से गए थे। 
 
पूर्व एडमिरल ने कहा कि राजीव गांधी आईएनएस विराट पर राष्ट्रीय खेल पुरस्कार वितरण कार्यक्रम के लिए गए थे। उन्होंने कहा कि आरोप एकदम झूठा है। वह प्रधानमंत्री का सरकारी दौरा था। हम इस तरह के आरोप से व्यथित हैं। सेना किसी के निजी इस्तेमाल के लिए नहीं है।
 
लक्ष्यद्वीप के पूर्व प्रशासक ने बताया बकवास : एक टीवी समाचार चैनल पर लक्ष्यद्वीप के प्रशासक रहे वजाहत हबीबुल्लाह राजीव गांधी पर लगे आरोपों को बकवास कहा है। हबीबुल्लाह कहा कि मैं 1987 में लक्ष्यद्वीप का प्रशासक था। जहां तक मुझे याद है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिस बारे में बात कर रहे हैं वह दिसंबर 1987 की है। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी एक आधिकारिक बैठक में लक्ष्यद्वीप गए थे।
 
आदतन झूठे हैं मोदी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा कि वे ‘आदतन झूठे’ हैं जिनमें बेरोजगारी और नोटबंदी जैसे मुद्दों पर चुनाव लड़ने का साहस नहीं है। 
 
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि भारतीय नौसेना के वाइस एडमिरल (अवकाश प्राप्त) विनोद पसरीचा ने स्पष्ट कर दिया है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी आधिकारिक यात्रा के सिलसिले में आईएनएस विराट पर सवार थे, वे कोई छुट्टियां नहीं थीं।
 
उन्होंने कहा कि लेकिन मोदी को तथ्यों से कोई फर्क नहीं पड़ता। उनके पास बात करने के लिए अपनी उपलब्धियां नहीं हैं। राहुल गांधी 6 महीने से उन्हें राफेल सौदा, नोटबंदी, बेरोजगारी पर बहस करने की चुनौती दे रहे हैं, लेकिन मोदी में बोलने की हिम्मत नहीं है। 
दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ आरोप लगाने के लिए मोदी पर चुटकी लेते हुए खेड़ा ने कहा कि कभी किसी ने पढ़ा है कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने कहा हो कि उनका अगला चुनाव मुगल बादशाह हुमायूं के खिलाफ है। या कभी इंदिरा गांधी ने अपनी पूरी चुनावी लड़ाई महारानी विक्टोरिया के खिलाफ लड़ी हो।
 
उन्होंने कहा कि लेकिन अब हम यह सब सुन रहे हैं। मोदीजी हमें बता रहे हैं कि 30 साल पहले राजीव गांधी आईएनएस विराट पर छुट्टियां मनाने गए थे। प्रधानमंत्री आदतन झूठे हैं। वाइस एडमिरल (अवकाश प्राप्त) विनोद पसरीचा ने कुछ वक्त पहले चैनलों पर कहा कि यह झूठ है और प्रधानमंत्री सरकारी यात्रा पर थे, छुट्टी पर नहीं।
 
मोदी को दी चुनौती : खेड़ा ने कहा कि मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं जो अपनी ‘असफलता’ पर वोट मांग रहे हैं और पुलवामा इसका उदाहरण है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह बड़ी खुफिया नाकामी थी। आंतरिक सुरक्षा में चूक के कारण हमने अपने सैनिक खो दिए। कांग्रेस नेता ने मोदी को चुनौती दी कि वे उनके साथ विदेश यात्राओं पर जाने वालों के नाम बताएं।
 
शहीद प्रधानमंत्री पर बयान कायरता की निशानी : इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी द्वारा चुनाव प्रचार अभियान में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को बार-बार निशाना बनाए जाने के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा कि शहीद प्रधानमंत्री के बारे में अपशब्द कहना ‘बेहद कायरता’की निशानी है।
 
पटेल ने ट्वीट किया कि उनकी नफरत के कारण राजीवजी ने अपना जीवन गंवा दिया और वे अपने खिलाफ कहे जा रहे अपशब्दों एवं लगाए जा रहे निराधार आरोपों का उत्तर देने के लिए अब हमारे बीच यहां नहीं हैं। एक शहीद प्रधानमंत्री के लिए अपशब्द कहना बेहद कायरता है।
 
उन्होंने कहा कि उनकी हत्या का जिम्मेदार कौन है? विश्वसनीय खुफिया जानकारी मिलने और बार-बार अनुरोध किए जाने के बाद भी भाजपा समर्थित वीपी सिंह सरकार ने उन्हें अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराने से इंकार कर दिया था और उन्हें केवल एक पीएसओ दिया था।
 
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एवं महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई कांग्रेस नेताओं ने राजीव गांधी पर निशाना साधने के लिए मोदी की आलोचना की है। इससे पहले भी मोदी ने बोफोर्स घोटाले का जिक्र करते हुए राजीव गांधी को ‘भ्रष्टाचारी नंबर एक’ बताया था। राजीव गांधी 1984 से 1989 तक देश के प्रधानमंत्री रहे थे।

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