लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण का मतदान खत्म हो चुका है। भीषण गर्मी के बीच आठ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश की 49 लोकसभा सीटों पर हुए मतदान मौसम का भी असर पड़गा। पांचवें चरण के मतदान में भी उत्तर भारत के राज्य बिहार, उत्तर प्रदेश औऱ महाराष्ट्र में वोटर्स में कोई खास उत्साह नहीं दिखाई दिया। वहीं पहले के चरणों की तरह पश्चिम बंगाल में बिहार और उत्तर प्रदेश की अपेक्षा मतदान प्रतिशत अच्छा रहने का अनुमान है।
दिग्गजों के सीटों पर कम मतदान- लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में दिग्गज उम्मीदवार की सीटों पर कम मतदान हुआ। उत्तरप्रदेश की रायबरेली सीट सबसे हाईप्रोफाइल लोकसभा सीट है। रायबरेली से पहली बार राहुल गांधी के चुनावी मैदान में उतरने से चुनाव काफी दिलचस्प हो गया। अब तक हुए मतदान का प्रतिशत को देखा जाए तो पोलिंग परसेंट 60 फीसदी आसपास रहने की संभावना है।
आज पांचवें चरण में उत्तर प्रदेश की 14 सीटों पर मतदान हुआ जिसमें रायबरेली, अमेठी के साथ झांसी, लखनऊ, मोहनलालगंज, बाराबंकी, कैसरगंज और अयोध्या जैसी सीटें शामिल रही। अगर अब तक मतदान प्रतिशत की बात करें तो दिग्गजों के चुनावी क्षेत्रों में कम मतदान रहा। उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ जहां से रक्षामंत्री राजनाथ सिंह उम्मीदवार है वहां पर 2019 की तुलना में मतदान प्रतिशत बेहद कम रहने का अनुमान है। वहीं अमेठी जहां से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी चुनावी मैदान में है वहां भी मतदान प्रतिशत 60 फीसदी से कम रहने का अनुमान है।
वहीं दूसरी ओर बिहार में भी पांचवें चरण में पांच सीटों पर मतदान हुआ। जिसमें सारण,हाजीपुर,मधुबनी, सीतामढ़ी जैसी लोकसभा सीट भी शामिल है। इसमें सारण से लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहणी आचार्य और हाजीपुर लोकसभा सीट से चिराग पासवान चुनावी मैदान में है। बिहार में पांचवें चरण में अगर मतदान प्रतिशत को देखा जाए तो पांचवें चरण में 55 से 60 फीसदी मतदान होने का अनुमान है।
आदित्य ठाकरे ने निर्वाचन आयोग पर उठाए सवाल- लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में महाराष्ट्र की 13 सीटों पर मतदान हुआ है जिसमें मुंबई की भी लोकसभा सीटें शामिल थे। महाराष्ट्र में शाम पांच बजे तक मात्र 48% ही मतदान हुआ। वहीं कम मतदान को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य़ ठाकरे ने कम मतदान को लेकर चुनाव आयोग पर ही सवाल उठा दिए। आदित्य ठाकरे ने कहा कि जानबूझकर कम वोटिंग कराई जा रही है। उन्होंने निर्वाचन आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि मतदान केंद्रों पर लोगों को मतदान के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा और भीषण गर्मी के बीच लोगों के लिए मतदान केंद्रों पर कोई व्यवस्था नहीं थी।
बंगाल में अधिक मतदान से किसका फायदा?-वहीं बंगाल में पहले चरणों की तरफ पांचवें चरण में भी मतदान प्रतिशत काफी बेहतर है। पश्चिम बंगाल में शाम 5 बजे तक 73% मतदान हुआ है। ऐसे में जब पूरे देश में मतदान प्रतिशत कम हो रहा है तब बंगाल में 75 फीसदी से उपर मतदान होना सियासी पंडितों को चौंका रहा है। राजनीतिक के जानकार बताते है कि अगर मतदान प्रतिशत होता है तो वह सत्ता पक्ष के खिलाफ जाता है। चूंकि बंगाल में ममता सरकार सत्ता में काबिज है तो भाजपा दावा कर रही है कि बंगाल की जनता भाजपा के पक्ष में मतदान कर रही है। गृहमंत्री अमित शाह दावा करते है कि बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में भाजपा इस बार 25 से अधिक सीटों पर जीत हासिल करेगी। वहीं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दावा करती है कि बंगाल की जनता इस बार भाजपा को सबक सिखा देगी।