शिवपाल यादव बदायूं से क्यों चुनाव नहीं लड़ना चाहते?

उत्तर प्रदेश की हाईप्रोफाइल सीट पर सपा में फंसा पेंच

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 3 अप्रैल 2024 (13:02 IST)
Shivpal Singh Yadav news : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश की बदायूं लोकसभा सीट से पार्टी उम्मीदवार शिवपाल सिंह यादव बदायूं से चुनाव नहीं लड़ना चाहते। वे इस सीट पर अपने बेटे आदित्य यादव को उम्मीदवारी चाहते हैं। बहरहाल फिलहाल इसी सीट पर सपा प्रत्याशी को लेकर संशय बरकरार है।
 
शिवपाल से बुधवार को जब संवाददाताओं ने पूछा कि क्या बदायूं से वह चुनाव लड़ेंगे या फिर उनके बेटे आदित्य मैदान में उतरेंगे? इस पर उन्होंने कहा कि जहां भी हम गए हैं, बैठक की है, सम्मेलन किए हैं तो जनता ने मांग की है कि उन्हें युवा उम्मीदवार चाहिए।
 
इस सवाल पर कि आदित्य को उम्मीदवार बनाने की बात पर कब तक मोहर लग सकती है? शिवपाल ने कहा कि अभी जो समाजवादी पार्टी की सूची जारी हुई है उसमें किसका नाम है? हमारा नाम है। मांग की गई है, मांग तो कोई भी कर सकता है। सूची तो राष्ट्रीय नेतृत्व ही जारी करेगा। उसने जारी की है।
 
उन्होंने आदित्य के चुनाव लड़ने की सम्भावनाओं के बारे में पूछे गये सवाल पर कहा कि कुछ रणनीति के हिस्से होते हैं। अब वह रणनीति आपको तो नहीं बताई जाएगी। रणनीति को रणनीति ही रहने दीजिए। हम लड़ेंगे भी, लड़ाएंगे भी। आप चिंता ना करें।
 
उल्लेखनीय है कि बदायूं में मंगलवार को हुए सपा कार्यकर्ता सम्मेलन में इस लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाए जाने के लिए आदित्य यादव का नाम प्रस्तावित किया गया है। यह प्रस्ताव अब सपा के राष्ट्रीय नेतृत्व के पास भेजा जाएगा।
 
भाजपा के 400 सीटें जीतने के दावे के बारे में शिवपाल ने कहा कि पूरे प्रदेश में समाजवादी पार्टी भाजपा को हरा रही है। सपा अपनी सीटें जीतेगी। भाजपा सत्ता में नहीं आ पाएगी। 
Edited by : Nrapendra Gupta

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

stampede : बेंगलुरु में भगदड़ की घटना में 11 की मौत, PM मोदी ने जताया दुख, खरगे बोले- हादसा दुर्भाग्यपूर्ण

क्या आपका 500 रुपए का नोट नकली तो नहीं? इस तरह पहचानें Fake currency

Stampede : चिन्नास्वामी स्टेडियम में अंदर RCB का जश्न, बाहर लोगों की भगदड़, फोटो खिंचवाने में लगे थे कांग्रेस नेता, BJP ने लगाया आरोप

यादव के बेटे तेज प्रताप के 'जयचंद' जिक्र का क्या है मतलब, जानें क्यों गद्दारों को कहा जाता है 'जयचंद'

राहुल गांधी का लंगड़े घोड़े वाला बयान कमलनाथ, दिग्विजय की सियासत से रिटायरमेंट का संकेत?

अगला लेख